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रामसेतु को लेकर एक बार फिर शुरू हुई सियासत, कांग्रेस ने फैलाया झूठ, जितेंद्र सिंह ने पवन खेड़ा और द टेलीग्राफ को दिया करारा जवाब, कहा- पूरा वीडियो सुनें

रामसेतु को लेकर एक बार फिर शुरू हुई सियासत, कांग्रेस ने फैलाया झूठ, जितेंद्र सिंह ने पवन खेड़ा और द टेलीग्राफ को दिया करारा जवाब, कहा- पूरा वीडियो सुनें
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अंग्रेजी में प्रकाशित होने वाले दैनिक समाचार पत्र 'द टेलीग्राफ' ने हाल ही में 'नो कन्क्लूसिव प्रूफ ऑफ राम सेतु: गवर्नमेंट इन पार्लियामेंट' टाइटल के साथ एक रिपोर्ट प्रकाशित की. टेलीग्राफ के इस टाइटल को देखने के बाद ऐसा लगता है कि केंद्र ने भगवान श्री राम की सेना द्वारा भारत को श्रीलंका से जोड़ने वाले ऐतिहासिक पुल राम सेतु के अस्तित्व को नकार दिया है.

दरअसल, हरियाणा से निर्दलीय सांसद कार्तिकेय शर्मा ने राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाया. उन्होंने सरकार से पूछा कि मैं पूछना चाहता हूं कि क्या सरकार हमारे गौरवशाली इतिहास को लेकर कोई साइंटिफिक रिसर्च कर रही है? क्योंकि पिछली सरकारों ने लगातार इस मुद्दे को तवज्जो नहीं दी. उनके इस सवाल पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जवाब दिया.

जानें मंत्री जितेंद्र सिंह ने क्या कहा....

बता दे, सरकार की तरफ से जवाब देते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा, मुझे खुशी हो रही है कि हमारे सांसद ने रामसेतु को लेकर सवाल किया. इसे लेकर हमारी कुछ सीमाएं हैं. क्योंकि ये करीब 18 हजार साल पहले का इतिहास है. जिस ब्रिज की बात हो रही है वो करीब 56 किमी लंबा था. स्पेस टेक्नोलॉजी के जरिए हमने पता लगाया कि समुद्र में पत्थरों के कुछ टुकड़े पाए गए हैं, इनमें कुछ ऐसी आकृति है जो निरंतरता को दिखाती हैं. समुद्र में कुछ आइलैंड और चूना पत्थर जैसी चीजें दिखीं हैं. अगर सीधे शब्दों में कहा जाए तो ये कहना मुश्किल है कि रामसेतु का वास्तविक स्वरूप वहां मौजूद है. हालांकि कुछ संकेत ऐसे भी हैं जिनसे ये पता चलता है कि स्ट्रक्चर वहां मौजूद हो सकता है. हम लगातार प्राचीन द्वारका शहर और ऐसे मामलों की जांच के लिए काम कर रहे हैं.

रामसेतु को लेकर शुरू हुई सियासत

बता दें कि रामसेतु को लेकर पहले से ही कई तरह की थ्योरी सामने आती रही हैं, बीजेपी लगातार कांग्रेस पर ये आरोप लगाती आई है कि वो रामसेतु के अस्तित्व को नहीं मानती. वहीं अब सरकार के संसद में जवाब से मामला और गरमा गया है. अब कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को घेर रही है. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ट्विटर पर सरकार के इस जवाब को पोस्ट करते हुए लिखा, "सभी भक्त जन कान खोल कर सुन लो और आंखें खोल कर देख लो. मोदी सरकार संसद में कह रही है कि राम सेतु होने का कोई प्रमाण नहीं है."

जिसके बाद मोदी सरकार के मंत्री जितेंद्र सिंह ने पवन खेरा को करारा जवाब देते हुए ससंद का पूरा वीडियो शेयर कर ट्वीट किया, "पवन खेरा जैसे कांग्रेस नेताओं की आँख और कान तो शुरू से ही बंद है…और Telegraph के संवाददाता भी अपने आँख और कान संसद की चर्चा के दौरान बंद कर के बैठे थे। कृपया आँख और कान खोल कर नीचे दिया हुआ विडियो देख लें."

क्या है रामसेतु का विवाद?

बता दे, 2008 में यूपीए सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर रामसेतु को काल्पनिक करार देते हुए कहा गया, "वहां कोई पुल नहीं है. ये स्ट्रक्चर किसी इंसान ने नहीं बनाया. यह किसी सुपर पावर से बना होगा और फिर खुद ही नष्ट हो गया. इसी वजह से सदियों तक इसके बारे में कोई बात नहीं हुई और न कोई सुबूत है." कांग्रेस की ओर से दाखिल किए गए इस हलफनामे का खूब विरोध हुआ था, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने इसे वापस लिया और कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है.

Rani Gupta

Rani Gupta

News Reporter


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