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यशवंत सिन्हा ने राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम से पहले ही मान ली 'हार'....?

यशवंत सिन्हा ने राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम से पहले ही मान ली हार....?
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भारत का 16 वां राष्‍ट्रपति चुनाव को लेकर 18 जुलाई को मतदान किया जा रहा है, लेकिन इस बीच विपक्ष के राष्ट्रपति प्रत्याशी यशवंत सिन्हा ने एक तरह से 'हार' मान ली है। वैसे तो एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू की जीत शुरू से ही लगभग तय मानी जा रही है, लेकिन एक प्रत्याशी के तौर पर यशवंत सिन्हा ने जो कहा है वह कहने के लिए कम से कम चुनावी परिणाम आने तक का तो इंतजार किया ही जाना था।

दरअसल, विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने कहा कि ये चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि आने वाले दिनों में ये दिशा तय करेगा कि भारत में प्रजातंत्र बचेगा या धीरे-धीरे समाप्त हो जाए. अभी तक मिले संकेतों से पता चलता है कि हम समाप्ति की ओर बढ़ रहे हैं. मैं सभी मतदाताओं से अपील करता हूं कि वे अपने दिल की सुनें। यह एक गुप्त मतदान है, मुझे उम्मीद है कि वे अपने विवेक का इस्तेमाल करेंगे और लोकतंत्र को बचाने के लिए मुझे चुनेंगे। साथ ही उन्होंने कहा की मैं सिर्फ राजनीतिक लड़ाई नहीं लड़ रहा हूं बल्कि सरकारी एजेंसियों के खिलाफ भी लड़ रहा हूं। वे बहुत शक्तिशाली हो गए हैं। वे पार्टियों को तोड़ रहे हैं, लोगों को उन्हें वोट देने के लिए मजबूर कर रहे हैं। पैसों का भी खेल है।"

एक प्रकार से यहां यह कहना सही होगा कि यशवंत सिन्हा को अपनी हार का आभास हो चुका है और शायद इसलिए ही वह इस तरह की बात कह रहे हैं.

वही राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुर्ख़ियों में हैं। एक तरफ जहां सहयोगी ओपी राजभर ने यशवंत सिन्हा की जगह द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया तो वहीं चाचा शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव द्वारा यशवंत सिन्हा को समर्थन देने पर ही सवाल उठाये हैं। शिवपाल ने यशवंत सिन्हा के उस बयान का हवाला देते हुए अखिलेश के समर्थन को गलत बताया है जिसमें राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सिन्हा ने मुलायम सिंह यादव को ISI का एजेंट बताया था। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, "लोकतंत्र बचे और ईमानदार लोग आगे आयें। समाजवादी पार्टी लोकतंत्र को बचाने के लिए यशवंत सिन्हा के पक्ष में मतदान कर रही है। गलत नीतियों के कारण श्रीलंका की हालत क्या हो गई, ये हम सबने देखा है।"

वहीं, दूसरी तरफ महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत तमाम जनप्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग किया.


Rani Gupta

Rani Gupta

News Reporter


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