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प्रेस की आजादी पर SC में उठा सवाल, SG मेहता बोले - रेटिंग कौन दे रहा है ये जानना जरुरी

प्रेस की आजादी पर SC में उठा सवाल, SG मेहता बोले - रेटिंग कौन दे रहा है ये जानना जरुरी
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प्रेस फ्रीडम इंडेक्स के आंकडे सामने आने के बाद से भारत में प्रेस की आजादी पर लगातार सवाल उठ रहे है।अब सुप्रीम कोर्ट में भी ये मुद्दा उठा है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केएम जोसेफ ने भारत की डूबती प्रेस फ्रीडम इंडेक्स रैंक का जिक्र करते हुए कहा कि प्रेस की आजादी को लेकर भारत 161वें स्थान पर है। जवाब देते हुए SC तुषार मेहता ने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि ये रैंकिंग कौन दे रहा है।

प्रेस फ्रीडम रैंकिंग में भारत 180 देशों में 161वें स्थान पर था। पिछले साल भारत 150वें नंबर पर था। एक साल में उसकी रैंकिंग 11 पायदान नीचे आई है। ये एक साल का मामला नहीं, बीते कुछ सालों का सिलसिला है। 2012 में भारत प्रेस फ्रीडम रैंकिंग में 131वें स्थान पर था। यानी बीते 11 सालों में भारत की प्रेस फ्रीडम रैंकिंग 30 पायदान गिरी है।

अब सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी एक टिप्पणी में इसका जिक्र किया है। उन्होने कहा कि हम अब पत्रकारिता की स्वतंत्रता के मामले में 161वें स्थान पर हैं। जस्टिस केएम जोसेफ के बयान पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब देते हुए कहा कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि रेटिंग कौन दे रहा है। मैं अपना फॉर्म रख सकता हूं और भारत को पहला स्थान दे सकता हूं।

बता दें कि गैर-सरकारी संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) हर साल प्रेस इंडेक्स जारी करता है। इसमें बताया जाता है कि अलग-अलग देशों में मीडिया कितना आजाद है, और कितना खुलकर काम कर पाता है। इस साल भी हाल में प्रेस फ्रीडम इंडेक्स निकला, जिसमें भारत को एकदम पीछे रखा गया है। इस रैंकिग में अफगानिस्तान और नोर्थ कोरिया जैसे देशो में मीडिया की स्थिति भारत से बेहतर बताई गई।

इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ये माइंड गेम खेलने जैसा है। जिस देश को आप पसंद नहीं करते, उसकी रैंकिंग पीछे कर दी जाए। वरना अफगानिस्तान जैसे देश के बारे में कौन सोच सकता है कि वहां का मीडिया भी भारत से ज्यादा आजादी से काम करता होगा।

Shipra Saini

Shipra Saini

News Anchor


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