लखीमपुर हिंसा पर राहुल केजरीवाल-बेनकाब, बीजेपी ने दिखाया आईना
माहौल खराब करने की राजनीतिक साजिश कर रही विपक्ष
लखीमपुर हिंसा की सियासी रेस में अब प्रियंका अखिलेश के बाद कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी भी गिद्ध वाली राजनीति करने के लिए मैदान में कूद पड़े हैं, इसी कड़ी में सरकार से परमिशन न मिलने के बावजूद भी माहौल खराब करने के लिए राहुल गांधी लखीमपुर रवाना हो गए हैं लेकिन राहुल गांधी को एयरपोर्ट पर ही रोकने के लिए पुलिस बल जगह जगह पर तैनात किया गया है ताकि राहुल गांधी को लखीमपुर जाकर माहौल खराब करने से रोका जा सके,
लखनऊ हवाई अड्डे पर "सिक्ख समुदाय" के लोगों ने लगाएं "राहुल गांधी" के स्वागत के लिए पोस्टर... pic.twitter.com/YMMQ5MSbCl
— Arun Yadav (@beingarun28) October 6, २०२१
ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि एक ओर जहां छ्त्तीसगढ़ में आदिवासियों को मारा जा रहा है, राजस्थान में किसानों पर लाठियां बरसाई जा रही हैं लेकिन राहुल गांधी को सिर्फ उत्तर प्रदेश के ही किसानों से इतनी हमदर्दी क्यों है ?
तो वहीं लखीमपुर रवाना होने से पहले राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेस की और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के साथ लखीमपुर खीरी जाने का ऐलान किया है, लेकिन उत्तर प्रदेश प्रशासन ने उनको इजाजत नहीं दी है। वहीं यूपी रवाना होने से पहले राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और उन्होंने योगी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कुछ समय से हिंदुस्तान के किसानों पर सरकार का आक्रमण हो रहा है और जीप से किसानों को कुचला जा रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि अब तक मंत्री पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा कि यूपी में किसानों को मारा जा रहा है और कोई सुध लेने वाला नहीं है।
पहले भारत में लोकतंत्र हुआ करता था लेकिन अब यहां तानाशाही- राहुल
केवल कांग्रेस नेता यूपी में नहीं जा सकते, उन्हें रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे सीएम को भी यूपी नहीं जाने दिया जा रहा है।उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों को खुले घूमने की आजादी है, जबकि पीड़ितों को जेल में डाल दिया जाता है। राहुल गांधी ने कहा हमें धक्का-मुक्की से कोई फर्क नहीं पड़ता है। हमें मार दीजिए, कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि हमारे परिवार में हमें ऐसा प्रशिक्षण मिला है। लेकिन हम किसानों की बात कर रहे हैं ।
तो वहीं दिल्ली दंगों में दिल्ली को जलाने वाले अरविंद केजरीवाल ने भी इस पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकनी शुरू कर दी है और प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इसे किसानों की नहीं बल्कि सिस्टम की हत्या करार दिया है दिल्ली के सीएम ने कहा कि अभी तक हत्यारों को गिरफ़्तार क्यों नहीं किया है? आखिर क्या मज़बूरी है? उन्हें क्यों बचाया जा रहा है? इतनी भीड़ के सामने कोई इतने लोगों को कुचलते हुए निकल जाए और पूरा सिस्टम उस हत्यारे को बचाने में लग जाए..ऐसा तो फिल्मों में हम देखा करते थे ।
अभी तक हत्यारों को गिरफ़्तार क्यों नहीं किया है? आखिर क्या मज़बूरी है? उन्हें क्यों बचाया जा रहा है? इतनी भीड़ के सामने कोई इतने लोगों को कुचलते हुए निकल जाए और पूरा सिस्टम उस हत्यारे को बचाने में लग जाए..ऐसा तो फिल्मों में हम देखा करते थे: लखीमपुर खीरी घटना पर दिल्ली के सीएम pic.twitter.com/FOp60CSad0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 6, 2021
'ललकार' ग्रुप के एडमिन की तलाश
'ललकार किसान' ग्रुप को खालिस्तान टास्क फोर्स के एक पूर्व सदस्य ने बनाया था. अब पुलिस व्हाट्सऐप ग्रुप के एडमिन की तलाश कर रही है, जिसके जरिए लखीमपुर खीरी हिंसा से पहले मैसेज फॉरवर्ड किए गए थे दरअसल ऐसे सूत्र सामने आए हैं कि लखीमपुर खीरी हिंसा से पहले 'ललकार किसान' नाम का ग्रुप बनाया गया था और इस गुप से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के वीडियो शेयर किए गए थे. इसके साथ ही व्हाट्सऐप ग्रुप में लिखा गया था, 'इससे बदला लेना है
बीजेपी लगातार विपक्षी नेताओं के राजनीतिक षडयंत्र को एक्सपोज कर रही है
लखीमपुर आपको जाना है कुछ दिन बाद चले जाइएगा। आप दुखद परिवारों से मिलें इसमें कोई आपत्ती नहीं है लेकिन माहौल बिगाड़ने के लिए ईजाज़त नहीं दी जाती और यह क़ानून के तहत कार्रवाई हो रही है: विपक्षी दलों द्वारा लखीमपुर खीरी जाने पर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह pic.twitter.com/DODF5W1cam
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 6, 2021
लखनऊ और उत्तर प्रदेश के तमाम शहरों में राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के खिलाफ लगाए गए पोस्टर, सिख दंगों को लेकर लगे हैं पोस्टर। pic.twitter.com/Mk79ZmIG2O
— Amit Malviya (@amitmalviya) October 6, 2021
Manisha Dhindoria
Editor & Reporter