Pyara Hindustan
National

राकेश टिकैत को मिला नए आंदोलन का कॉन्ट्रैक्ट, बैंकों के निजीकरण के खिलाफ फैला रहे अफवाह।

राकेश टिकैत को मिला नए आंदोलन का कॉन्ट्रैक्ट, बैंकों के निजीकरण के खिलाफ फैला रहे अफवाह।

राकेश टिकैत को मिला नए आंदोलन का कॉन्ट्रैक्ट, बैंकों के निजीकरण के खिलाफ फैला रहे अफवाह।
X

सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की बात कर रही है। अब इस मुद्दे पर बैंक कर्मी खुश नहीं हैं और सरकार के इस फैसले का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। वहीं बैंकों के निजीकरण से राकेश टिकैत को एक नया मुद्दा मिल गया है अपना आंदोलन जारी रखने का। जब केंद्र सरकार ने राकेश टिकैत और आंदोलनकारियों की सभी मांगों पर विशवास दिला दिया तो राकेश टिकैत के पास कोई मुद्दा नहीं था आंदोलन जारी रखने का, लेकिन 4 दसंबर को किसान संघठनों की मीटिंग में बैंको के नीजिकरण का मुद्दा उठाया गया जिसे सरकार 6 दिसंबर को शीतकालीन सत्र के दौरान पेश करने वाली है।

अब जब राकेश टिकैत के पास आंदोलन जारी रखने की कोई खास वजह नहीं रही तो उन्होंने इसपर सरकार का विरोध किया और आंदोलन को बैंकों के नीजिकरण वाले विधेयक के खिलाफ फिर से शुरु करने का आह्वन किया। राकेश टिकैत ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।

उन्होंने अपने ट्वीट मेंन लिखा, हमने आंदोलन की शुरुआत में आगाह किया था कि अगला नंबर बैंकों का होगा। नतीजा देखिए, 6 दिसंबर को संसद में सरकारी बैंकों के नीजिकरण का बिल पेश होने जा रहा है। निजीकरण के खिलाफ केशभर में साझा आंदोलन की जरूरत है।

साथ ही ये भी बता दें कि सार्तवजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के विरोध में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आव्हान पर 16 और 17 दिसंबर को बैंकों में हड़ताल की जाएगी। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस नौ सरकारी बैंकों के यूनियन का संयुक्त मंच है।

उनका कहना है कि सरकार संसद के मौजूदा सत्र में बैंकिंग सुधार पारित कराना चाहती है जिससे निजीकरण हो जाए। यूनाइटेड फॉरम इस बिल का विरोध करने के लिए आंदोलन के तहत धरना प्रदर्शन कर रहा है। साथ ही और विधेयक के विरोध में 16 और 17 दिसंबर को 2 दिन की देशव्यापी हड़ताल की जाएगी।

Manisha Dhindoria

Manisha Dhindoria

Editor & Reporter


Next Story