एकनाथ शिंदे गुट की याचिका पर SC का डिप्टी स्पीकर को नोटिस, SC का बड़ा आदेश शिंदे गुट को सुरक्षा दें उद्धव सरकार
महाराष्ट्र के सियासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। डिप्टी स्पीकर के द्वारा बागी विधायकों के खिलाफ शुरु की गई अयोग्यता कार्यवाही पर कोर्ट ने फिलहाल के लिए ब्रेक लगा दिया है। साथ डिप्टी स्पीकर के साथ - साथ उद्धव सरकार , विधानसभा के सचिव, केंद्र सरकार, महाराष्ट्र पुलिस, शिवसेना विधायक दल के नेता अजय चौधरी, सुनील प्रभु को नोटिस देकर जवाब मांगा है। इस नोटिस का जवाब सभी पक्षों को पांच दिनों के अंदर देना है। फिर मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी।
एकनाथ शिंदे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर, शिवसेना के नवनियुक्त विधायक दल के नेता अजय चौधरी और शिवसेना विधायक दल के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु को नोटिस जारी किया; कोर्ट ने 5 दिन में हलफनाया दायर करने को कहा#MaharashtraPoliticalCrisis pic.twitter.com/k7hPqKT745
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) June 27, 2022
दरअसल बागी विधायकों ने डिप्टी स्पीकर की भूमिका पर सवाल खड़ा करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसमें कहा गया है कि कि डिप्टी स्पीकर को हटाने की एप्लिकेशन अभी लंबित है, इसलिए उसपर फैसला होने से पहले वे विधायकों को अयोग्य नहीं ठहरा सकते। जिस पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी परदीवाला की पीठ ने सुनवाई की।
कोर्ट में दलील पेश करते हुए शिंदे कैंप के वकील ने यह दावा किया कि उनके साथ 39 विधायक हैं। ऐसे में महाराष्ट्र सरकार अल्पमत में है। बागी गुट ने कहा कि जब डिप्टी स्पीकर की छवि जब संदेह के घेरे में है तो फिर वह अयोग्य ठहराने का प्रस्ताव कैसे ला सकते हैं। शिंदे गुट ने साफतौर पर कहा कि डिप्टी स्पीकर सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई खत्म, शिंदे गुट को मिली बड़ी कानूनी राहत@Ankit_Tyagi01 @gauravnewsman @amitk_journo#MaharashtraPoliticalCrisis #UddhavThackeray #EknathShinde #SupremeCourt pic.twitter.com/C4yFPXpB89
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) June 27, 2022
जिसके बाद शिवसेना की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में दलीलें रखी। जिसमेंं सिंघवी ने कहा कि जान के खतरे की बातें बेबुनियाद हैं। उन्होने अलग-अलग मामलो का हवाला दिया। वहीं डिप्टी स्पीकर को हटाने के लिए कोई नोटिस नहीं आया है ये दावा भी सिघंवी की ओर से किया गया।
हालाकि सिंघवी की दलीलों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या जिस स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया हो वो किसी सदस्य की अयोग्यता की कार्रवाई शुरू कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अपने खिलाफ आए प्रस्ताव में डिप्टी स्पीकर (नरहरि ज़िरवाल) खुद कैसे जज बन गए? कोर्ट ने पूछा कि शिंदे गुट ने मेल के जरिये डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था, जिसपर विधायकों के साइन थे। इसपर डिप्टी स्पीकर के वकील ने कहा कि हां नोटिस आया था। लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था। डिप्टी स्पीकर के वकील राजीन धवन ने कहा कि ई-मेल वैरिफाइड नहीं था, इसलिए उसे खारिज कर दिया गया था।
इसपर कोर्ट ने सख्ती से कहा कि डिप्टी स्पीकर और विधान सभा दफ्तर को एक एफिडेविट दाखिल करना होगा। बताना होगा कि डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया था कि नहीं। और आया था तो उसे क्यों रिजेक्ट किया गया।
फिलहाल तमाम दलीलो को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों को आज अयोग्य ठहराये जाने वाले नोटिस पर 5 बजे तक जवाब देना था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि डिप्टी स्पीकर के इस नोटिस पर 11 जुलाई तक रोक लगाई जाती है। मतलब अब तबतक इन विधायकों को अयोग्य नहीं ठहाराया जा सकता।
साथ ही आपको बता दें कि जिस तरह से एक याचिका में शिंदे गुट के विधायको ने अपनी जान का खतरा बताया था। कोर्ट ने उस पर संज्ञान लेते हुए। सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट के विधायकों को सुरक्षा देने का आदेश दिया, महाराष्ट्र सरकार को सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई।
सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट के विधायकों को सुरक्षा देने का आदेश दिया, महाराष्ट्र सरकार को दी गई सुरक्षा की जिम्मेदारी@Ankit_Tyagi01 @gauravnewsman @rai_ravikant#MaharashtraCrisis #UddhavThackeray #EknathShinde #SupremeCourt pic.twitter.com/aOOjKduRs3
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) June 27, 2022
Shipra Saini
News Anchor