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शिंदे-फडणवीस सरकार ने महाराष्ट्र में जांच के लिए CBI को दिया 'जनरल कंसेंट', उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका

शिंदे-फडणवीस सरकार ने महाराष्ट्र में जांच के लिए CBI को दिया जनरल कंसेंट, उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका
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महाराष्ट्र की शिंदे-फडणवीस सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। जिसके तहत राज्य में अब सीबीआई (CBI) को किसी भी मामले की जांच के लिए अब अनुमति (कंसेंट) लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सीबीआई महाराष्ट्र में अब सरकार की इजाजत के बिना मामलों की छानबीन कर सकेगी। इसके पहले महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने सीबीआई को राज्य किसी मामले की जांच करने के पहले सरकार की इजाजत लेना अनिवार्य कर दिया था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस फैसले को महाविकास अघाड़ी के नेताओं के लिए एक सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है। इस फैसले के बाद सीबीआई महाराष्ट्र में किसी भी मामले की जांच कर सकती है।

बता दे, 21 अक्टूबर 2020 को महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सीबीआई को जांच के लिए इजाजत न देने के गृह विभाग के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए थे। उस दौरान राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख थे, तब सीबीआई महाराष्ट्र में कई मामलों की जांच कर रही थी। इसीलिए महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार ने तब यह फैसला लिया था। यह फैसला लेने के समय महाविकास विकास अघाड़ी सरकार ने कहा था कि केंद्रीय जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।

क्या है जनरल कंसेंट आखिर?

दरअसल सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 से शासित होती है। कई राज्यों ने दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 की धारा 6 के अंतर्गत CBI को पूर्व में दी गई जनरल कंसेंट सामान्य सहमति को वापस ले लिया। आम सहमति कुल दो प्रकार की होती है। पहली स्पेसिफिक, दूसरी जनरल। राज्य सरकारों ने राज्य में कार्रवाई के लिए सीबीआई को जनरल कंसेंट दे रखी है। इसके जरिए सीबीआई किसी भी मामले में जांच के लिए बगैर किसी अनुमति के संबंधित मामलों में छापेमारी, गिरफ्तारी कर सकती है। जिन राज्यों ने जनरल कंसेंट वापस ले लिया है वहां CBI को राज्य में कार्रवाई के लिए सरकार से इजाजत लेनी होती है।

Rani Gupta

Rani Gupta

News Reporter


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