सुप्रीम कोर्ट की आंदोलनजीवियो को चेतावनी का बड़ा असर, राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर से हटाए बैरिकेड

नए कृषि कानूनो के विरोध के नाम पर बीते 1 साल से बॉर्डर को घेर कर बैठे है आंदोलनजीवियो को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। जस्टिस संजय किशन कौल और एमएम सुंदरेश की पीठ ने नोएडा के निवासी एक मोनिका अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस तरह से आंदोलन के नाम पर सड़को को बाधित नही रखा जा सकता। दरअसल केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों द्वारा सड़क नाकेबंदी के खिलाफ ये याचिका दायर की गई थी जिसमें राहत की मांग की गई थी। सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा , "आखिरकार कोई समाधान निकालना होगा। कानूनी चुनौती लंबित होने पर भी हम विरोध के अधिकार के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन सड़कों को इस तरह अवरुद्ध नहीं किया जा सकता है। "
लेकिन इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने यह सवाल किया कि सड़कों को किसने अवरुद्ध किया है। जिस पर किसानो का पक्ष रखते हुए एडवोकेट दुष्यंतग दवे ने कहा 'ना तो सड़क ब्लॉक है और ना ही किसानों ने बंद की है। उन्होने कहा है कि जिस तरह से दिल्ली पुलिस ने व्यवस्था की है, उसके कारण सड़कों को अवरुद्ध कर दिया गया है। हम रामलीला मैदान जाएगे।
सुप्रीम कोर्ट की इस सख्त टिप्पणी का असर यह हुआ है कि गाजीपुर बॉर्डर से आंदोलनजीवियो नेबैरिकेडहटाने शुरु कर दिए। बैरिकेडिंग हटाने के इस काम में खुद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत लगे हुए हैं। टिकैत ने कहा है कि हम दिल्ली जाएंगे और बताएंगे कि रास्ता खुला हुआ है। उन्होंने यह पूछने पर कि दिल्ली में कहां जाएंगे के सवाल पर बताया कि पार्लियामेंट जाएंगे जहां पर कानून बनता है। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने दिल्ली आने वाला रास्ता बंद किया हुआ है। जो राकेश टिकैत बीते १ साल से इन उपद्रवियो के साथ बॉर्डर पर बैठे हुए वह अब यह दलील दे रहे है।उन्होंने कहा कि हमने तो कभी रास्ता रोका ही नहीं था।
बता दें कि किसान आंदोलन के चलते बाधित दिल्ली की सड़कों को खोलने के लिए आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की ओर से कोई भी आदेश नहीं दिया गया है। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिसंबर के लिए सुनवाई टाल दी। आज सुप्रीम कोर्ट ने किसान संगठनों को याचिका की कॉपी सौंपने का निर्देश भी दिया।
Farmers removing tent from Ghazipur border.
— Ankur (@iAnkurSingh) October 21, 2021
Rakesh Tikait says they'll open the roads. pic.twitter.com/dkaVaWoSFL