सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी पर लगाई रोक, 10 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के मामले में आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने नुपुर शर्मा को बड़ी राहत देते हुए फिलहाल उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने 8 राज्यों और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। अब इस पूरे मामले की सुनवाई 10 अगस्त को होगी।
नुपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत; उनके ख़िलाफ़ किसी भी एफआईआर में दंडात्मक कार्रवाई पर फिलहाल रोक रहेगी#NupurSharma pic.twitter.com/KDuABPNMy2
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) July 19, 2022
नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में दोबारा याचिका दायक करके अपने खिलाफ दर्ज सभी FIR को किसी एक जगह ट्रांसफर करने और गिरफ़्तारी से अंतरिम राहत की गुहार लगाई। एक बार फिर से जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने इस पर सुनवाई की। नूपुर शर्मा ने याचिका में कहा कि जजों की टिप्पणी के बाद उन्हें और उनके परिवार को लगातार बलात्कार और हत्या की धमकियाँ मिल रही हैं। बता दें कि पिछली बार इन दोनों जजों ने उन पर तल्ख़ टिप्पणी की थी।
Bench modifies order : Meanwhile, as an interim measure, it is directed that no coercive action shall be taken against the petitioner pursuant to the impugned FIRs or such FIRs/complaints which may be registered/entertained in future pertaining to same telecast dated 26.05.2022.
— Live Law (@LiveLawIndia) July 19, 2022
सुनवाई के दौरान नूपुर के वकील मनिंदर सिंह ने कोर्ट को ये बताया कि पाकिस्तान से भी कुछ लोगो के द्वारा नूपुर शर्मा की हत्या की साजिश रचने की खबर का पता चला है। पटना में पकड़ाए आतंकियों के भी उनकी हत्या की साजिश रचने की खुलासा हुआ है। इस पर जस्टिस सूर्यकान्त ने कहा कि एक मिश्रित तरह का एप्लीकेशन दायर करने के बाद वो इन घटनाओं का जिक्र कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 3-4 अन्य FIR भी दर्ज कर लिए गए हैं।
जस्टिस सूर्यकान्त ने इस पर जोर दिया कि वो कम से कम किसी एक जगह, दिल्ली हाईकोर्ट तो जा सकती हैं, अगर जीवन पर खतरे को लेकर अलग-अलग जगह की यात्रा में सक्षम नहीं हैं तो? हालाकि इस दौरान उनके वकील ने इस बात का जिक्र किया कि एक ही आरोप के लिए कई FIR दर्ज कर लिए गए हैं, ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी राहत प्रदान किया है। सुप्रीम कोर्ट को दी गई दलील में नूपुर शर्मा की तरफ से बताया गया कि जान पर खतरा होने के कारण वो अन्य विकल्पों का इस्तेमाल करने में सक्षम नहीं हो पा रही हैं और सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद-21 का संरक्षक है।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान एडवोकेट मानवेंद्र सिंह ने कहा कि आर्टिकल-21 के आधार पर नूपुर को राहत मिले। उन्होंने इसके लिए अजमेर के खादिम चिश्ती के वीडियो समेत कई मामलों का जिक्र किया, जिसमें उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी। जज ने पूछा- क्या ऐसा अभी हुआ है?
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, "अनुच्छेद-21 के तहत ये समय की आवश्यकता है कि हम उनके जीवन और लिबर्टी की रक्षा करें।" कोर्ट ने कहा कि पहली प्राथमिकता ये है कि नूपुर शर्मा को वैकल्पिक व्यवस्थाओं तक पहुँच सुनिश्चित की जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि अगली सुनवाई तक नूपुर शर्मा के विरुद्ध दर्ज सारे FIR के मामले में कोई कड़ी कार्रवाई न की जाए। इसके साथ ही नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत प्रदान किया। अगली सुनवाई में मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी ट्रांसफर किया जा सकता है।
Shipra Saini
News Anchor