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CAA पर सुवेंदु अधिकारी का बयान, कहा- पश्चिम बंगाल में लागू होगा नागरिकता कानून, TMC ने दिया जवाब

CAA पर सुवेंदु अधिकारी का बयान, कहा- पश्चिम बंगाल में लागू होगा नागरिकता कानून, TMC ने दिया जवाब
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पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने मंगलवार को नागरिकता कानून (CAA) को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि देश में CAA को लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और पश्चिम बंगाल इससे अछूता नहीं रहेगा। इससे राज्य के मटुआ समुदाय और नामशूद्रों जैसी पिछड़ी जातियों को भी लाभ मिलेगा।

हालांकि, राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने CAA लागू न होने देने की बात कही है। केंद्र सरकार ने सोमवार को एक अधिसूचना जारी कर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आकर गुजरात के आनंद और मेहसाणा जिलों में रहने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई लोगों को भारतीय नागरिकता देने की घोषणा की थी।

बड़ी बात यह है कि सरकार ने इन लोगों को विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 की जगह नागरिकता कानून, 1955 की धारा 6 के तहत नागरिकता देने को निर्णय किया है। नागरिकता कानून, 2019 में भी पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, बुद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को नागरिकता देने का प्रावधान है, लेकिन अभी इसके नियम तैयार न होने के कारण सरकार ने अधिनियम 1955 के तहत नागरिकता देने का निर्णय किया है।

बता दे, केंद्र सरकार की इस अधिसूचना को लेकर नंदीग्राम से भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने कहा, "पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों से आए कुछ अल्पसंख्यक समूहों को नागरिकता देने वाली अधिसूचना के साथ CAA गुजरात के दो जिलों में पहले ही लागू कर दिया गया है।" उन्होंने कहा, "पश्चिम बंगाल में भी CAA लागू किया जाएगा और इससे मटुआ समुदाय के सदस्यों और नामशूद्रों जैसी अन्य पिछड़ी जातियों के लोगों को भी आवश्यक लाभ मिलेगा।"

बता दे, इससे पहले 5 मई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के दौर पर सिलीगुड़ी में एक जनसभा में कहा था कि CAA एक वास्तविकता है और इसे कोरोना महामारी खत्म होने के बाद लागू कर दिया जाएगा।

वही इस मामले टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि उनकी पार्टी सीएए को कभी भी पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने देगी। उन्होंने जोर देकर कहा, "भाजपा देश में सीएए को लागू नहीं कर पाएगी। सुवेंदु अधिकारी समाज के ध्रुवीकरण के अपने प्रयास के तहत 2023 के पंचायत चुनावों से पहले बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं।" गौरतलब है कि वर्तमान में, सुप्रीम कोर्ट सीएए की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली 200 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।

Rani Gupta

Rani Gupta

News Reporter


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