मोदी सरकार का विश्व में बजा डंका, दुनिया में सबसे तेज बढ़ेगी भारत की इकोनॉमी- IMF, विपक्षी को झटका
2021 में 9.5% और 2022 में 8.5% की वृद्धि दर का अनुमान

एक बार फिर से मोदी सरकार के नेतृत्व और उनकी दूरदर्शी सोच के परिणाम सामने आए हैं क्योकि भारत अब अंतराष्ट्रीय स्तर पर सबसे ज्यादा मजबूत राष्ट्र बनने वाला है, कोरोना की दो लहरों से जूझने के बाद भारत की इकोनॉमी में सुधार दिखने लगा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अनुमान जताया है कि भारत की ग्रोथ रेट अगले साल तक दुनिया में सबसे तेज रहेगी दरअसल IMF(अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ) ने भारत के लिए वर्ष 2021 में 9.5% और 2022 में 8.5% की वृद्धि दर का अनुमान जताया है। जो कि पिछले साल कोविड -19 महामारी के कारण यह 7.3 प्रतिशत थी। चीन और अमेरिका को पछाड़ते हुए भारत की सबसे ज्यादा होगी विकास दर
IMF Projections: 2022
— IMF (@IMFNews) October 12, 2021
USA🇺🇸: 5.2%
Germany🇩🇪: 4.6%
France🇫🇷: 3.9%
Italy🇮🇹: 4.2%
Spain🇪🇸: 6.4%
Japan🇯🇵: 3.2%
UK🇬🇧: 5%
Canada🇨🇦: 4.9%
China🇨🇳: 5.6%
India🇮🇳: 8.5%
Russia🇷🇺: 2.9%
Brazil🇧🇷: 1.5%
Mexico🇲🇽: 4%
KSA🇸🇦: 4.8%
Nigeria🇳🇬: 2.7%
S. Africa🇿🇦: 2.2%https://t.co/j0FIiCr9li #WEO pic.twitter.com/SLNNQqHyt1
40 साल में पहली बार निगेटिव हुई थी ग्रोथ
वित्त वर्ष 2020-21 में 40 साल में पहली बार देश की आर्थिक ग्रोथ गिरकर निगेटिव 7.3% हो गई थी। हालांकि, कोरोना के मामलों में गिरावट के साथ अर्थव्यवस्था की गाड़ी ने भी रफ्तार पकड़ी। पिछले साल कोविड -19 महामारी के कारण यह 7.3 प्रतिशत थी IMF(अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) के मुताबिक आने वाले दो सालो में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ेगी।
क्या है IMF ?
अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष 187 देशों का संगठन है, जो विश्व में मौद्रिक सहयोग बढ़ाने, वित्तीय स्थिरता लाने, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में मदद करने, अधिक रोजगार तथा सतत् आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने और विश्व भर में गरीबी कम करने के लिए काम करता है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष का बुनियादी मिशन अंतर्राष्ट्रीय तंत्र में स्थिरता रखने में मदद करना है। कोष यह काम तीन तरीके से करता है : वैश्विक अर्थव्यवस्था और सदस्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर निगरानी रखकर; भुगतान संतुलन में कठिनाई वाले देशों को ऋण देकर और सदस्यों को व्यावहारिक सहायता देकर। भारत में अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष का काम, भारत सरकार, रिजर्व बैंक तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के बीच सूचना के प्रवाह में मदद देने तथा रिजर्व बैंक और राष्ट्रीय तथा राज्य सरकारों के अधिकारियों को प्रशिक्षण देने का है।
आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि उनके जुलाई के पूर्वानुमान की तुलना में, 2021 के लिए वैश्विक विकास अनुमान को मामूली रूप से संशोधित कर 5.9 प्रतिशत कर दिया गया है और 2022 के लिए 4.9 प्रतिशत पर अपरिवर्तित है। उन्होंने कहा कि एडवांस आर्थिक ग्रुप के लिए कुल उत्पादन 2022 में अपने पूर्व-महामारी प्रवृत्ति पथ को फिर से हासिल करने और 2024 में 0.9 प्रतिशत से अधिक होने की उम्मीद है। वहीं आईएमएफ अधिकारी का कहना है कि भारत अपने लोगों को टीकाकरण के मामले में अच्छा कर रहा है ।