केंद्र सरकार के PFI बैन करने पर बेचैन है विपक्षी? लालू बोलें- PFI से भी बदतर है RSS उसे भी बैन करो, MNS के कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न
टेरर लिंक के सबूत मिलने के बाद पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है और उस पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। टेरर लिंक को लेकर केंद्रीय एजेंसियों से मिले पुख्ता सबूत के आधार पर गृह मंत्रालय ने पीएफआई और उसके 8 सहयोगी संगठनों पर पांच साल का बैन लगाया है। बता दें कि इस संगठन पर पहले से ही बैन की मांग हो रही थी, मगर एनआईए-ईडी की ताबड़तोड़ छापेमारी और पुख्ता सबूत मिलने के बाद बाद केंद्र सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया। वही केंद्र सरकार के इस फैसले पर तमाम लोगों के रिएक्शन भी सामने आ रहे है, जिसमे कुछ लोग इसका समर्थन कर रहे है तो कुछ इस फैसले का विरोध करते हुए भी दिखाई दे रहे है।
PFI से भी बदतर है RSS- लालू यादव
RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि PFI की तरह जितने भी नफ़रत और द्वेष फैलाने वाले संगठन हैं सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए जिसमें RSS भी शामिल है। सबसे पहले RSS को बैन करिए, ये उससे भी बदतर संगठन है। RSS पर दो बार पहले भी बैन लग चुका है। सनद रहे, सबसे पहले RSS पर प्रतिबंध लौह पुरुष सरदार पटेल ने लगाया था।
PFI की तरह जितने भी नफ़रत और द्वेष फैलाने वाले संगठन हैं सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए जिसमें RSS भी शामिल है। सबसे पहले RSS को बैन करिए, ये उससे भी बदतर संगठन है।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) September 28, 2022
आरएसएस पर दो बार पहले भी बैन लग चुका है। सनद रहे, सबसे पहले RSS पर प्रतिबंध लौह पुरुष सरदार पटेल ने लगाया था।
PFI बैन होने पर MNS कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न
केंद्र सरकार द्वारा PFI पर लगाए गए प्रतिबंध का जश्न मनाने के लिए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़े और लड्डू बांटे।
Pune | Maharashtra Navnirman Sena (MNS) workers burst crackers and distribute laddoos in order to celebrate the ban imposed on #PFI by the Central govt pic.twitter.com/dL0ANMCS3t
— ANI (@ANI) September 28, 2022
PFI मुस्लिमों हितैषी है- शफीकुर्रहमान बर्क
समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने PFI पर लगे बैन का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि इस पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए था। यह मुस्लिमों की हितैषी है, इसलिए इसके खिलाफ यह एक्शन लिया गया।
बर्क ने इसके अलावा पीएफआई को सियासी पार्टी बताया। साथ ही जब उनसे सवाल पूछा गया था कि मुसलमानों की पार्टी तो AIMIM भी है, पर उस पर तो बैन नहीं है। उन्होंने जवाब दिया- PFI को मैं राजनीतिक दल मानता हूं।
#PFI पर बैन का #SP सांसद #ShafiqurRahmanBarq ने किया विरोध- 'मुस्लिम हितैषी PFI इसलिए बैन'@AnchorAnurag @Adarshpara #PFIBan #PFIBanned #PFICrackdown pic.twitter.com/pv4CJs9K4P
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CPIM ने कहा- यदि सांप्रदायिक ताकतों पर पाबंदी लगानी है, तो सबसे पहले RSS पर बैन करना चाहिए। केंद्र सर्कार सिर्फ मुद्दों से भटकाने का काम कर रही है।
वही ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रज़वी ने बरेली में मीडिया को बताया- सरकार ने कट्टरपंथी संगठन PFI पर प्रतिबंध लगाकर अच्छा कदम उठाया है। भारत की सरज़मीं कट्टरपंथी विचारधारा की सरज़मीं नहीं है और न यहां ऐसी कट्टरपंथी विचारधारा पनप सकती जिससे मुल्क़ की एकता-अखंडता को खतरा हो।
झारखंड के मंत्री और कांग्रेस नेता बन्ना गुप्ता ने कहा है कि भाजपा को यह नहीं भूलना चाहिए कि पटेल ने भी कभी RSS को बैन किया था। ऐसे में सरकार मुद्दों से ध्यान भटका रही है।
#BreakingNow: PFI बैन पर झारखंड के मंत्री बन्ना गुप्ता का बयान- 'भाजपा को यह नहीं भूलना चाहिए कि पटेल ने भी RSS को बैन किया था.. मुद्दों से ध्यान भटका रही है सरकार'@spbhattacharya @nagar_pulkit #PFIBan #PFIBanned #PFICrackdown pic.twitter.com/cWzOSV4ini
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'ये फैसला केंद्र सरकार को बहुत पहले ही ले लेना चाहिए था'
वैसे, अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख जैनुल आबेदीन अली खान ने केंद्र सरकार द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई कानून के अनुपालन और आतंकवाद की रोकथाम के लिए की गई है और सभी को इसका स्वागत करना चाहिए। यह कार्यवाही तो बहुत पहले कर देनी चाहिए थी मगर कोई नहीं देर आये मगर दुरुस्त आये।
#PFIBanned: अजमेर दरगाह के दीवान सैयद जुनैल आबेदीन ने PFI बैन का किया समर्थन, बोले- 'देर आए मगर दुरुस्त आए'@AnchorAnurag #PFIBan #PFICrackdown #PFIBanned pic.twitter.com/Fj2uW7FcSL
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Rani Gupta
News Reporter