उद्धव ठाकरे के मंत्री के खिलाफ ED की चार्जशीट में हुए बड़े खुलासे,1992 से पद का दुरुपयोग कर रहे थे देशमुख
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख 100 करोड के वसूली मामले में जेल में बंद है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही ईडी ने अपनी चार्जशीट में कई बड़े खुलासे किए हैं। ईडी ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने 1992 से अपने पद का गलत फायदा उठाया है।उन्होंने अवैध रूप से बहुत पैसा कमाया। अवैध रूप से अर्जित धन का उपयोग 13 कंपनियों में किया गया था। उन्होंने अपने साथ कई सरकारी कर्मचारियों को भी जोड़ा था।
Former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh took the wrong advantage of his position since 1992. He made a lot of money illegally. The illegally earned money was used in 13 companies. He had also associated many govt employees with him: ED in its charge sheet
— ANI (@ANI) February 3, 2022
साथ ही इस चार्टशीट में अनिल देशमुख ने यह भी खुलासा किया है कि बर्खास्त मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वेज़ जो फिलहाल मनसुख हिरेण मर्डर केस में जेल में बंद है उन्होने ईडी को दिए अपने बयान में ईडी को बताया कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने 16 साल के निलंबन के बाद उन्हें मुंबई पुलिस में बहाल करने के लिए 2 करोड़ रुपये की मांग की थी।
Dismissed Mumbai Police officer Sachin Waze told ED in his statement that Former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh had demanded Rs 2 crore for reinstating him in Mumbai Police after 16 years of suspension: ED in its charge sheet
— ANI (@ANI) February 3, 2022
100 करोड़ की वसूली मामले में एक के बाद बड़े खुलासे हो रहे है। ईडी ने यह भी बताया है कि अनिल देशमुख को सचिन वाजे से नियमित रूप से जानकारी मिल रही थी और वे एक साथ मुंबई में विभिन्न बार, रेस्तरां और अन्य प्रतिष्ठानों से 100 करोड़ रुपये की वसूली के इस पूरे रैकेट में शामिल थे।
Anil Deshmukh was regularly getting information from Sachin Waze and they were together involved in this whole racket of extortion of collection of Rs 100 crore a month from various bars, restaurants, and other establishments in Mumbai: ED in its charge sheet
— ANI (@ANI) February 3, 2022
बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र गृह विभाग के पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव सीताराम कुंते ने भी ईडी के सामने बड़ा खुलासा किया था। उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर के लिए अनधिकृत सूची प्रदेश के गृहमंत्री अनिल देशमुख भेजते थे। उस सूची में से अधिकतर नाम फाइनल सूची में होते ही थे।
Shipra Saini
News Anchor