किसान आंदोलन की आड़ में विपक्षियों की बड़ी साजिश का खुलासा, लखीमपुर हिंसा एक सोची समझी साजिश ?
रैली के दौरान कई खालिस्तानियों ने काफिले पर किया था पथराव

किसान आंदोलन की आड़ में विपक्षी की बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है क्योकि जो सबूत अब तथाकथित किसानों के खिलाफ सामने आ रहे हैं ये साबित हो चुका है कि चुनावी माहौल में अपनी बिसात बिछाने के लिए ही विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने ये राजनीतिक षडयंत्र रचने का काम किया था जिसका सच अब धीरे धीरे सामने आ रहा है ।
लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर सोशल मीडिया में एक नया वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें साफ दिख रहा है भीड़ ने काफिले पर हमला किया और विंडशील्ड तोड़ दी, जिससे चालक घायल हो गया, जिसके बाद वह कार से नियंत्रण खो बैठा और अपनी जान बचाने के लिए गाड़ी तेजी से आगे बढ़ रही थी जिसने 3 किसानों को चपेट में ले लिया , 30 सेकंड की छोटी क्लिप में, जिसे धीमी गति से किया गया है, 'किसान' भीड़ को काले किसान संघ के झंडे पकड़े हुए रास्ते पर चलते देखा जा सकता है। पीछे से एक वाहन दौड़ा और प्रदर्शनकारियों को कुचल दिया। हालांकि, 7 सेकंड में, एक सेकंड के विभाजन के लिए, एक प्रदर्शनकारी को टक्कर मारने से पहले वाहन की विंडशील्ड दिखाई दे रही थी। यह आसानी से पता लगाया जा सकता है कि यह टूटा हुआ था, जो इस दावे के अनुरूप है कि प्रदर्शनकारियों ने काफिले पर पत्थरों से हमला किया था।
From whatever is available until now. A cavalcade was moving and after few cars had passed, protestors came in and blocked the road…. pic.twitter.com/lgDkmfeqlP
— Alok Bhatt (@alok_bhatt) October 5, 2021
WhatsApp Group के जरिए रची गई थी साजिश
लखीमपुर खीरी हिंसा से पहले 'ललकार किसान' नाम का ग्रुप बनाया गया था और इस गुप से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के वीडियो शेयर किए गए थे. इसके साथ ही व्हाट्सऐप ग्रुप में लिखा गया था, 'इससे बदला लेना है, सूत्रों के मुताबिक 'ललकार किसान' ग्रुप को खालिस्तान टास्क फोर्स के एक पूर्व सदस्य ने बनाया था. अब पुलिस व्हाट्सऐप ग्रुप के एडमिन की तलाश कर रही है, जिसके जरिए लखीमपुर खीरी हिंसा से पहले मैसेज फॉरवर्ड किए गए थे ।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से बड़ा खुलासा
तो वहीं मृतकों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से भी बड़ा खुलासा हुआ है कि किसी भी किसान की मौत गोली लगने से नहीं हुई थी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि किसी की मौत घसीटने से तो किसी की लाठी-डंडों की पिटाई से हुई है. लेकिन लिब्रल मीडिया और विपक्षी नेताओं की ओर से इस मेनुप्लेट करकर परोसने का काम किया जा रहा है ।
तो वहीं अब एक के बाद एक हो रहे बड़े खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा भी फूट रहा है, लोग विपक्षी नेताओं को आईना दिखाने का काम कर रहे हैं