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बीजेपी की डिजिटल रैलियों से घबराए अखिलेश। कहा- सोशल मीडिया पर बीजेपी से नहीं कर सकता मुकाबला, चुनाव आयोग पैसा दे।

बीजेपी की डिजिटल रैलियों से घबराए अखिलेश। कहा- सोशल मीडिया पर बीजेपी से नहीं कर सकता मुकाबला, चुनाव आयोग पैसा दे।

बीजेपी की डिजिटल रैलियों से घबराए अखिलेश। कहा- सोशल मीडिया पर बीजेपी से नहीं कर सकता मुकाबला, चुनाव आयोग पैसा दे।
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आगामी यूपी विधानसभा के चलते चुनाव आयोग ने किसी भी राज्य में चुनावी रैलीयों और रोड शो पर पाबंदी लगा दी है। चुनाव आयोग ने कहा कि इन चुनावों में 15 जनवरी तक किसी भी नुक्कड़ सभा, साइकिल रैली या बाइक रैली और पदयात्रा जैसी रैलियों पर रोक रहेगी। साथ ही चुनाव आयोग ने ये भी घोषणा की कि केवल डिजिटल रैलियों के माध्यम से ही चुनाव प्रचार किया जा सकता है। वहीं चुनाव आयोग की इस बात से अखिलेश यादव ने नाराजगी जताई है और चुनाव प्रचार के लिए चुनाव आयोग से ही पैसा मांगते नजर आ रहे हैं।

ऑनलाइन कई सारे चुनावी ऑपिनियन पॉल में बीजेपी सबसे आगे चल रही है। यही कारण है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव बीजेपी से सोशल मीडिया पर टक्कर लेने से डर रहे हैं क्योंकि अखिलेश यादव का मानना है कि बीजेपी डिजिटल प्लेटफॉर्म में सपा पर भारी है। इसका जिक्र खुद अखिलेश ने अपने एक हलिया इंटरव्यू में किया है। इस लिए अखिलेश ने चुनाव आयोग के फैसले पर नाराजगी जताते हुए उनसे पैसा मांगने की डिमांड की।

अखिलेश यादव ने नाराजगी जताते हुए कहा कि, जिनके पास वर्चुअल रैली के लिए पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है उनका क्या। अखिलेश यादव ने कहा कि अगर चुनाव आयोग यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में राजनीतिक दलों के लिए वर्चुअल रैलियों के पक्ष में है, तो आयोग को इसे सभी राजनीतिक दलों के लिए एक समान खेल मैदान बनाना चाहिए। अखिलेश यादव ने कहा, "पहली बार कोरोना के समय में इस तरह से चुनाव हो रहा है। आयोग ने कई तरह के नियम बनाए हैं। लेकिन वर्चुअल रैलियों की हम बात करें तो आयोग को उन पार्टियों के बारे में भी सोचना चाहिए, जिनके पास वर्चुअल रैली के लिए पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है।"

अखिलेश यादव का ये भी कहना है कि, "चुनाव आयोग को विपक्षी दलों को टीवी पर अधिक समय देना चाहिए और यह फ्री में मिलना चाहिए। भाजपा के पास पहले से ही बहुत इन्फ्रास्ट्रक्चर है। इलेक्शन बॉन्ड भी उन्हें ही सबसे ज्यादा मिलते हैं। विपक्षी पार्टियों को भी कहीं न कहीं स्पेस मिलना चाहिए।" भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा, "पंचायत चुनाव में लोगों ने देखा था कि भाजपा के कार्यकर्ता अधिकारी बन गए थे। कोरोना के काल में लोगों ने देखा था कि कैसे लोगों के परिजनों को ऑक्सीजन नहीं मिले और बिस्तर नहीं मिले। चुनाव आयोग को सख्ती सरकार के लिए रखनी चाहिए। वही मनमानी करती है। 10 मार्च को भाजपा का सफाया हो जाएगा।"

Manisha Dhindoria

Manisha Dhindoria

Editor & Reporter


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