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शिशु मृत्‍यु दर के मामले में यूपी सरकार ने किया शानदार काम, एक साल से कम उम्र के 16500 बच्चों की बचाई गई जान।

शिशु मृत्‍यु दर के मामले में यूपी सरकार ने किया शानदार काम, एक साल से कम उम्र के 16500 बच्चों की बचाई गई जान।

शिशु मृत्‍यु दर के मामले में यूपी सरकार ने किया शानदार काम, एक साल से कम उम्र के 16500 बच्चों की बचाई गई जान।
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एसआरएस बुलेटिन के अनुसार उत्‍तर प्रदेश में आईएमआर आई 3 अंक की कमी

यूपी में एक साल से कम उम्र के 16500 बच्चों की बचाई गई जान

यूपी में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में शिशु मृत्यु दर 3 और 4 अंकों की दर्ज की गई गिरावट

नीति आयोग की डेल्‍टा रैंकिंग में भी यूपी था प्रथम


उत्‍तर प्रदेश सरकार का प्रदेशवासियों को बेहतरीन मॉडल के तहत चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इसका ही परिणाम है कि एसआरएस (सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम) बुलेटिन के अनुसार उत्‍तर प्रदेश में आईएमआर 3 अंक की कमी आई है। शिशु मृत्‍यु दर के मामले में यूपी ने शानदार कार्य किया है। जिसकी गवाही एसआरएस के आंकड़े दे रहे हैं। एसआरएस 2019 में 41 से एसआरएस 2020 में 38 हो गया है। उत्‍तर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में 3 अंक की गिरावट और ग्रामीण क्षेत्रों में 4 अंक की गिरावट दर्ज की गई है। 55 लाख जीवित जन्मों को ध्यान में रखते हुए यूपी में एक साल से कम के उम्र के 16,500 नवजात बच्‍चों के जीवन को बचाया है जो अन्यथा एक वर्ष की आयु तक मर जाते।

उत्तर प्रदेश सरकार ने बच्चों के मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया है। इसके ही परिणाम है कि पिछले कुछ वर्षों में एक ओर शिशु मृत्यु दर में तेजी से गिरावट आई है वहीं दूसरी ओर दस्तक कार्यक्रम के परिणामस्वरूप एईएस व जेई से प्रभावित सभी क्षेत्रों में बच्चों की मृत्यु में बड़ी कमी दर्ज की गई है। योगी सरकार के इस पहले बजट में बाल कल्याण पर विशेष ध्‍यान दिया गया है। जिसके तहत कुपोषण पुनर्वास केन्द्रों को जिलों से ब्लॉक तक ले जाने के लिए बजटीय प्रावधान किया गया है। ऐसे में सैंपल रजिस्‍ट्रेशन सिस्‍टम के आंकड़ों अनुसार मृत्‍यु दर, जन्‍म दर, शिुशु मृत्‍यु दर में यूपी में काफी सुधार हुआ है। इसके साथ ही राष्‍ट्रीय परिवार स्‍वास्‍थ्‍य सर्वेक्षण-5 में जारी किए आंकड़ों के अनुसार यूपी में नवजात शिशु की मृत्यु दर के आंकडों में गिरावट दर्ज की गई है।

नीति आयोग की डेल्‍टा रैंकिंग में भी यूपी था प्रथम

स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं में सुधार के मामले में उत्‍तर प्रदेश डेल्‍टा रैंकिंग में प्रथम स्‍थान पर है जबकि असम व तेलंगना दूसरे व तीसरे स्‍थान पर है। पिछली सरकारों के मुकाबले योगी सरकार के कार्यकाल में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं में तेजी सेधार हुआ है जिसकी गवाही राष्‍ट्रीय परिवार स्‍वास्‍थ्‍य सर्वेक्षण-5 और नीति आयोग के स्‍वास्‍थ्‍य सूचकांक के आंकडे दे रहे हैं। स्‍वास्‍थ्‍य सूचकांक में यूपी का विकासशील प्रदर्शन में यूपी 5.52 प्राप्‍तांक हासिल करने में सफल रहा है। सर्वाधिक आबादी वाले प्रदेश यूपी सुधार के मामले नंबर वन है।

बच्‍चों में संक्रमण की दर में आई 9.4 की गिरावट

बच्‍चों में संक्रमण दर की बात करें तो साल 2017 से पहले बच्‍चों में संक्रमण की दर 15 प्रतिशत थी तो वहीं अब 5.6 प्रतिशत है। जिसके अनुसार योगी सरकार में बच्‍चों की संक्रमण दर में 9.4 की गिरावट दर्ज की गई। यूपी में शिशु मृत्‍यु दर (आईएमआर) वर्तमान समय में 50.4 प्रतिशत है तो वहीं इससे पहले 63.5 प्रतिशत थी। पांच साल के अंदर शिशु मृत्‍यु दर 59.8 प्रतिशत है वहीं योगी सरकार से पहले यह 78.1 प्रतिशत थी। प्रदेश में साल 2017 से पहले जहां हजारों की तदाद में नौनिहाल संक्रमण की चपेट में आकर दम तोड़ देते थे पर प्रदेश सरकार की स्‍वर्णिम योजनाओं से प्रदेश के बच्‍चों के हालात बेहतर हुए हैं।

Manisha Dhindoria

Manisha Dhindoria

Editor & Reporter


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