पश्चिम बंगाल में BSF का दायरा बढाने से डरी ममता बनर्जी, संघीय ढांचे में दखल देने का प्रयास है.
पश्चिम बंगाल में केन्द्र सरकार ने बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढा दिया है। जिसके बाद से टीएमसी केन्द्र सरकार पर हमलावर है। टीएमसी उपाध्यक्ष यशवंत सिंहा मंत्री फिरहाद हाकिम के बाद अब पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में बंगाल का कानून ही चलेगा। केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ उन्होंने पहले केंद्र सरकार को पत्र लिखकर आपत्ति जता चुकी हैं। ममता ने इस फैसले को देश के संघीय ढांचे पर आघात बताते हुए अविलंब वापस लेने की मांग की है। बता दें कि टीएमसी ने पहले ही इसका विरोध किया था।
सिलीगुड़ी में प्रशासनिक बैठक के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने कहा, "पंजाब की तरह, हम भी बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विरोध कर रहे हैं। जिसे हाल ही में बढ़ाया गया है। हमारे सीमावर्ती इलाके पूरी तरह शांतिपूर्ण हैं। लॉ एंड ऑर्डर पुलिस का विषय है। यह अशांति पैदा करेगा। राज्य सरकार राज्य के कानूनों के साथ जाएगी।" बता दें कि टीएमसी ने कहा है कि गृह मंत्रालय की अधिसूचना बीएसएफ को 50 किलोमीटर के दायरे में बंगाल में छापेमारी, गिरफ्तारी और जब्ती करने का बहाना देती है और यह पुलिस और कानून व्यवस्था के मामले में राज्य के अधिकारों के विपरीत है।
Just like Punjab, we're also protesting against BSF's jurisdiction that has been recently increased. Our border areas are completely peaceful. Law & order is a Police subject. It'll create disturbance. State govt will go with state laws: West Bengal CM Mamata Banerjee in Siliguri pic.twitter.com/0rRiqiIf5i
— ANI (@ANI) October 25, 2021
बता दे कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल, पंजाब और असम में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया है, जबकि गुजरात में 80 किलोमीटर से घटाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया है। नए नियम के तहत अब बीएसएफ को अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर तक के बड़े क्षेत्र में तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने की शक्ति मिल गई है। इसका पंजाब सरकार के साथ-साथ बंगाल सरकार विरोध कर रही है।
बांग्लादेश से बंगाल की करीब 2,216 किमी सीमा लगती है। पश्चिम बंगाल के ९ जिले जिसमें कूचबिहार, जलपाईगुड़ी, उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर, मालदा, मुर्शिदाबाद, नदिया, उत्तर व दक्षिण 24 परगना की सीमा से बांग्लादेश सटा है। सबसे ज्यादा नकली भारतीय मुद्रा, मादक पदार्थ, हथियार और पशु तस्करी मालदा, उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर और मुर्शिदाबाद जिले के पास भारत-बांग्लादेश सीमा से होती है।
वहीं दूसरे ओर नदिया, उत्तर व दक्षिण 24 परगना जिलों से घुसपैठ समेत तमाम तरह की तस्करी और अवैध कारोबार होते हैं। जाली नोट और गाय तस्करी के लिए सबसे ज्यादा कुख्यात मालदा है।
यहां की सीमा से सटे इलाकों में आबादी सघन है, साथ ही नदियां भी हैं जिनके सहारे तस्करी और घुसपैठ को अंजाम दिया जाता है।इन सभी जिलों में सीमा सुरक्षा बल के जवानों की तस्करों के साथ अक्सर मुठभेड़ होती रहती है।
TOI Exclusive: In what may raise political hackles of states, MHA has empowered BSF to search, seize & arrest in 50 km belt along the border in Bengal, Punjab & Assam, against 15 km earlier. BSF officials say it will cut jurisdictional hassles in ops against drugs, infiltration https://t.co/ZfLdX3KDrM
— Bharti Jain (@bhartijainTOI) October 13, 2021
राजनीति क्यो हो रही है यह समझना बहुत जरुरी है। क्यो केन्द्र सरकार के इस फैसले का विरोध किया जा रहा है
दूसरी ओर जो जिले बांग्लादेश की सीमा से सटे हैं, वहां विधानसभा की 294 में से 149 और लोकसभा की 42 में से 20 सीटें हैं। देखा जाए तो विधानसभा और लोकसभा की लगभग आधी सीटें इस नए बदलाव के दायरे में आ गई हैं। यही वजह है कि तृणमूल को इसमें सियासत दिख रही है।
Shipra Saini
News Anchor