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ड्रग माफियाओं पर नोएडा पुलिस की बड़ी कार्यवाही विदेशी गिरोह का भांडाफोड

ड्रग माफियाओं पर नोएडा पुलिस की बड़ी कार्यवाही विदेशी गिरोह का भांडाफोड
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नोएडा पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी :

अमेरिका से ऑनलाइन चल रहा ड्रग्स का धंधा पकड़ा, डीसीपी ने खुद ग्राहक बनकर किया भांडाफोड

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में यूपी पुलिस को ड्रग कारोबारियों पर सख्त कार्यवाही के आदेश दिये थे ,जिसके बाद यूपी पुलिस ने स्पेशल टीम बनाकर पूरी यूपी में नशे के धंधे में लगे लोगों के खिलाफ अभियान छेड दिया है l

इसी अभियान में यूपी की नोएडा पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो डार्कवेब, क्रिप्टो करेंसी और ऑनलाइन एप्स का इस्तेमाल करके स्टूडेंट्स को ड्रग्स भेज रहे गैंग को गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल की है।

ग्रेटर नोएडा के डिप्टी पुलिस कमिश्नर खुद ड्रग्स के ग्राहक बनकर गैंग तक पहुंचे। अब कई सवाल हैं, जिनके सवाल पुलिस को तलाश करने हैं। मसलन, अमेरिका से ड्रग्स आ रही थी तो एयरपोर्ट सिक्योरिटी लैप्स कैसे हुए? पैसा क्रिप्टो करैंसी के जरिए किस रूट से ट्रांसफर हो रहा है? पूरे दिल्ली-एनसीआर में इस गैंग के और कितने मैम्बर हैं?

यूपी पुलिस के अनुसार कैलिफोर्निया और बर्लिन से दिल्ली आ रही थी ड्रग्स

डार्क वेब, टेलीग्राम और अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म का सहारा लेकर दिल्ली-एनसीआर में ड्रग्स तस्करी करने वाले तीन तस्करों को पुलिस ने धर दबोचा है। इनके कब्जे से कैलिफोर्निया से मंगाई गई एक किलोग्राम ड्रग्स बरामद की गई है। बरामद ड्रग्स की कीमत 30 लाख के करीब है। तीनों तस्करों के बैंक खाते में करीब 36 लाख रुपये मिले है। हर महीने तस्कर दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग कॉलेजों में पढ़ने वाले 250 छात्रों को ड्रग्स बेचते थे। पकड़े गए ड्रग तस्कर का नेटवर्क कैलिफोर्निया के अलावा बर्लिन से भी जुड़ा है।

ग्रेटर नोएडा के डीसीपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि नॉलेज पार्क कोतवाली क्षेत्र से इन तीनों तस्करों को पकड़ा गया है। यह लोग टेलीग्राम के अलावा आइएमओ और हाइक का प्रयोग करते थे। बिटकाइन और क्रिप्टो करेंसी के जरिये यह तस्कर ड्रग्स तस्करी की रकम का भुगतान लेते थे। पिछले एक साल से ड्रग्स तस्करी का धंधा संचालित कर रहे थे।

डीसीपी अभिषेक के पास ड्रग्स की गोपनीय सूचना आई थी। उन्होंने इंटरनेट मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर एक अकाउंट बनाया। ड्रग्स तस्करों से संपर्क करके उनको नॉलेज पार्क में ड्रग्स की सप्लाई करने के लिए बुलाया। तस्करों ने कहा कि वह भुगतान क्रिप्टो करेंसी में लेंगे। डीसीपी इस पर राजी हो गए। जैसे ही तस्कर ड्रग. लेकर नालेज पार्क पहुंचे पुलिस ने उन्हें धर दबोचा I

ड्रग तस्करों ने बताया कि ड्रग कैलिफोर्निया से फ्लाइट से मंगाई गई थी। तब सवाल ये यह है कि दिल्ली एयरपोर्ट पर ड्रग बाहर कैसे निकलती है ?

हालांकि, यह पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी नाइजरिया से ड्रग्स एयरपोर्ट आई थी और आसानी से ग्रेटर नोएडा पहुंची थी।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे राज्य में नशे और इसके तस्करों के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है। इसी सिलसिले में गौतमबुद्ध नगर पुलिस और स्वाट टीम (स्पेशल वैपन्स एंड टेक्टिकट्स) ने रविवार को बड़ी कामयाबी हासिल की है। ग्रेटर नोएडा के पुलिस उपायुक्त और एडीसीपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। डीसीपी ने बताया, "हमने नशे के तस्करों का एक ऐसा गैंग पकड़ा है, जो दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई शहरों में छात्रों को नशीले पदार्थों की अवैध आपूर्ति कर रहे थे। इस गैंग के तीन सदस्यों को स्वॉट टीम और थाना नॉलेज पार्क पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह नशीला पदार्थ अमेरिका से मंगवाते थे। इसके बदले क्रिप्टो करेंसी से भुगतान करते थे। यह गैंग हर माह करीब 200 छात्रों को नशीला पदार्थ बेच रहा था। छात्रों को डार्कवेब, ऑनलाइन एप्स और सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये अपने साथ जोड़ते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से 29 लाख रुपये कीमत की ड्रग्स और एलएसडी टेबलेट्स पकड़ी हैं।" डीसीपी ने आगे बताया कि इस मामले में अभी कई और लोगों की गिरफ्तारी होनी हैं।

क्रिप्टो करेंसी और ड्रग्स सप्लाई रूट का पता लगाने में जुटी पुलिस

दिल्ली-एनसीआर एजुकेशन हब है। यह लोग नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पढ़ने वाले हजारों छात्रों को नशीला पदार्थ आपूर्ति कर रहे थे। इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए नॉलेज पार्क थाना पुलिस और स्वॉट टीम लगी हुई थी। संयुक्त टीम ने भानु पुत्र भागवत सिंह ( फरीदाबाद, हरियाणा का निवासी) अधिराज पुत्र दिनकर चतुर्वेदी ( सूरजकुण्ड फरीदाबाद, हरियाणा का निवासी) और सोनू कुमार पुत्र सुबोध कुमार ( सूरजकुण्ड फरीदाबाद) को ग्रेटर नोएडा में एलजी गोल चक्कर के पास से गिरफ्तार किया है। इनके पास से अवैध ड्रग्स ओजी (ओरिजनल ग्रोवर कैलिफोर्निया वेड), एलएसडी टेबलेट और 960 ग्राम नशीला पदार्थ बरामद किया गया है। इस ड्रग्स की कीमत करीब 29 लाख रुपये है। इनमें सोनू कुमार डोपबाजी एप चलाता था। इससे 250 लोग जुड़े हुए हैं। पुलिस एप और सोशल मीडिया प्लेटफार्म की जांच कर रही है। डीसीपी ने बताया कि अमेरिका से ऑनलाइन नशीला पदार्थ मंगवाकर क्रिप्टो करेंसी से भुगतान करते थे। पुलिस क्रिप्टो करेंसी के रूट की जांच कर रही है। एक साल में तीनों आरोपियों के बैंक खातों में 15 लाख रुपये आए हैं। ये हर माह करीब 200 छात्रों को नशीले पदार्थ की आपूर्ति कर रहे थे।

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