Pyara Hindustan
Public Opinion

भारत 2023 में बनेगा विश्व की शक्तियों का केंद्र

2022-2023 में भारत को कौनसी अहम वैश्विक जिम्मेदारी मिलने जा रही है, क्या आप लोग जानना चाहेंगे !?

विश्व के कई रक्षा विशेषज्ञों ओर कूटनीतिज्ञों का मानना है कि, 2022-23 से विश्व की कूटनीतिक पटल पर, भारत का कद और बड़ा होता दिख रहा है.

1 पहला है, भारत अगले साल, यानी 2023 में SCO की अध्यक्षता करने जा रहा है और इसकी शिखर बैठक भारत में होगी, ओर भारत को अध्यक्षता मिलने के 1 साल तक SCO की सारी पवार भारत के पास होगी. SCO के 8 पूर्णकालिक सदस्य हैं.... भारत, रसिया, चाइना, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान. और 4 देशों को

SCO मे पर्यवेक्षक का दर्जा मिला हुआ है और वह हैं... ईरान अफगानिस्तान, बेलारूस, और मंगोलिया.. वहीं, इसमें 6 देशों अजरबैजान, आर्मेनिया, कंबोडिया, नेपाल, तुर्की और श्रीलंका को एक संवाद भागीदार राष्ट्र का दर्जा प्राप्त है.. इस तरह से 5 देशों के बीच, सैन्य तनाव कम करने के लिए शुरू हुआ संगठन एशिया के बेहद ताकतवर संगठन के रूप में बदल चुका है,इस संगठन में अब 18 देश जुड़े हुए हैं.... इस संगठन में शामिल 8 स्थाई सदस्य देशों में दुनिया की 41% से ज्यादा आबादी रहती है. विश्व के कुल क्षेत्रफल में, इन देशों के हिस्सेदारी करीब 60 फीसदी है. इसके साथ ही दुनिया की कुल जीडीपी में इन देशों की हिस्सेदारी 40% है...!!

इस संगठन की ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसमें दुनिया की चार परमाणु शक्ति संपन्न देश रूस, चीन, भारत ओर पाकिस्तान शामिल हैं. इसके साथ ही दो देश चीन और रूस ऐसे देश हैं जो... UN में सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य हैं.

2 = दुसरा है भारत को दुनिया के 20 ताक़तवर देशों के समूह G-20 के अध्यक्षता का कार्यभार भी इसी साल ही मिलने जा रहा है.... अगले साल इसकी शिखर बैठक भारत में आयोजित होगी. ग्रुप ऑफ Twenty 'G20' दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है. इसमें बीस देश शामिल हैं.... ज‍िनमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया,रूस इटली, जापान, साउथ कोरिया, मैक्सिको, सऊदी अरब, तुर्की क्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ, आद‍ि जैसे प्रमुख देश के रूप से शाम‍िल हैं. सामूहिक रूप से G20 विश्व के सकल घरेलू उत्पाद का 85 फीसदी, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का 75 फीसदी और विश्व जनसंख्या का वन थर्ड भाग है, जो इसे अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच बनाता है.... भारत G-20 प्रेसिडेंसी के रूप में.. बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, स्पेन नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और UAE को अतिथि देशों के रूप में आमंत्रित करेगा.... इसके साथ ही इस संगठन में UN सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्य हैं ओर इसमें 7 देश परमाणु शक्ति संपन्न देश भी है,इससे आप लोग अंदाजा लगा सकते हैं कि भारतवर्ष दुनिया के, 70 प्रतिशत जनसंख्या की अध्यक्षता करने जा रही है.

3 = तिसरा है, भारत संयुक्त राष्ट्र में भी अपनी अहम मौजूदगी दर्ज कराने जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद दुनिया के सबसे ताक़तवर संगठन है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद UNSC की अध्यक्षता भी भारत को इसी साल मिलने जा रही है.. साल के आख़िर में भारत को यह ज़िम्मेदारी दी जाएगी... 2022 के दिसंबर माह में भारत सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करेगा. और भारत 2 सालों के लिए, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद UNSC में अस्थायी सदस्य के तौर पर शामिल है.

4 = चौथा है, दुनिया के सात ताक़तवर देशों के संगठन जी-7 में भी, भारत को 2023 में शामिल करने की चर्चाएं हो रही हैं. इसी साल भारत ने इस संगठन में, अपनी अहम मौजूदगी दर्ज कराई थी. इस साल जून महीने में जर्मनी में हुई G7 की शिखर बैठक में भारत इसमें मेहमान देश की भूमिका निभाई थी. G7 में जर्मनी ने भारत को अतिथि देश के तौर पर बुलाया था. G7 प्रमुख औद्योगिक देशों का एक समूह है जिसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं !! इस समूह में वो देश शामिल हैं जो आजादी, ह्यूमन राइट्स, गणतंत्र और डेवलपमेंट के सिद्धांत पर चलते हैं.. हर साल यह संगठन शिखर सम्मेलन का आयोजन करता है !! जिसके दौरान मानव हितों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाती हैं.... इस सम्मेलन में अलग अलग वैश्विक मुद्दों को लेकर चर्चा होती हैं और उन मुद्दों का समाधान ढूंढने का प्रयास करते हैं. अगर इतिहास की बात हो तो जी 7 की समूह की स्थापना 1975 में हुई थी, भारतवर्ष यदि 2023 में इसकी सदस्य देश बन जाता है तो, यह संगठन G-8 कहलाएगा ओर भारत के पास Human-rights जैसी संस्था पर बहुत हद तक नियंत्रण मिल जाएगा.... क्यूं की यही G-7 देश अब दुनिया में मानवाधिकार का चौधरी बने बैठे हैं.

5 = पांचवा है, भारत इसी साल 91वीं इंटरपोल महासभा का अध्यक्षता करने जा रहा है. यह आयोजन देश की आजादी के 75वें वर्ष के साथ होगा. भारत को मेजबानी सौंपने के प्रस्ताव पर चिली में हुई, इस साल महासभा की बैठक में, सदस्य देशों का जबरदस्त समर्थन मिला.. भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने अगस्त में इंटरपोल के महासचिव जर्गन स्टॉक से मुलाकात के दौरान इस संबंध में एक प्रस्ताव दिया था..!! भारत में इंटरपोल का प्रतिनिधित्व करने वाले सीबीआई के निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने सेंटियागो, चिली में 88वीं महासभा में... प्रस्ताव पेश किया और इस पर मतदान हुआ.. जिसमें भारत को भारी मतों से बहुमत मिली थी..!! इंटरपोल एक अंतर सरकारी संगठन है, जिसमें भारत समेत 194 देश सदस्य हैं.इंटरपोल के मुख्यालय फ्रांस में है और इसकी स्थापना अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन के तौर पर 1923 में हुई थी.इसमें सबसे पुराने सदस्यों में शुमार भारत 1949 में इस संगठन में शामिल हुआ था. और भारत अब तक केवल एक बार 1997 में.. इंटरपोल महासभा का आयोजन कर अध्यक्षता की थी.. भारत की अध्यक्षता का अहम बात यह है कि चाइना का दुश्मन ताइवान, इंटरपोल का सदस्य बनने के लिए भारत की सहायता मांगी है !?

वर्तमान में ताइवान इंटरपोल का सदस्य नहीं है, इसलिए वह आमसभा में अपना प्रतिनिधिमंडल नहीं भेज सकता..!! भारत इस अक्टूबर में होने वाली इंटरपोल के 90वीं आमसभा की मेजबानी करेगा इसलिए भारत के पास.. ताइवान को आमंत्रित करने की पावर है. इसलिए ताइवान भारत से मदद मांग रहा है.... 1984 तक ताइवान इंटरपोल महासभा का हिस्सा था लेकिन चाइना ने इस द्वीप देश को निकाल दिया था.. अपने वान चाइना पॉलिसी को लेकर. अब देखना होगा के भारत क्या कूटनीतिक दांव खेलता है.

विश्व में भारतवर्ष की भूमिका, बीते कुछ सालों में तेज़ी से और महत्वपूर्ण हो चुकी है और एससीओ, जी-20 और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता मिलना ये संकेत देता है कि भारत भविष्य में किस तरह की भूमिका निभाने जा रहा है...

- लेखक - पवन त्यागी ,राजनैतिक विश्लेषक

Next Story