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ग्रेटर नोएडा के तुस्याना भूमि घोटाले में पूर्व जीएम रविन्द्र तोंगड समेत 5 पर दर्ज हुआ मुकदमा

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के दायरे वाले गांव तुस्याना में अरबों रुपए की सरकारी जमीन भूमाफिया ने जालसाजी करके हड़प ली है।

करीब 175 बीघा पक्की सरकारी जमीन की बंदरबांट की गई।

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में तैनात रहे बड़े अफसर घोटाले में शामिल हैं। अदालत के आदेश पर ग्रेटर नोएडा के पूर्व महाप्रबंधक रविंद्र तोंगड़ समेत पांच लोगों के खिलाफ को एफआईआर दर्ज की गई है। यह मुकदमा अदालत के आदेश पर दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता 'सच सेवा समिति ट्रस्ट' के अध्यक्ष यतेंद्र कुमार भाटी ने इन तमाम लोगों पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं।

क्या आरोप हैं

डॉ.यतेंद्र कुमार भाटी ने बताया कि तुस्याना गांव के खसरा नंबर 987, 1104, 1105 और 1106 में 175 बीघा सरकारी जमीन थी। इस जमीन की 5 लोगों ने जालसाजी करके आपस में फर्जी ढंग से बंदरबांट की है। करोड़ों रुपए मुआवजा ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से हासिल किया है। यह जमीन असंक्रमणीय थी। जिसे विक्रय करने का किसी को अधिकार नहीं था। केवल संक्रमणीय भूमिधर अपनी जमीन बेच सकते हैं। जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) देवी शरण शर्मा ने वर्ष 1999 में इस बंदरबांट क खिलाफ एक मुकदमा दायर किया था। इसके बावजूद इस जमीन को इन 5 लोगों ने मिलकर बेच डाला।

फर्जी पॉवर ऑफ अटॉर्नी से किया गया खेल

एफआईआर के मुताबिक मकौड़ा गांव के निवासी राजेंद्र सिंह ने फर्जी पॉवर ऑफ अटॉर्नी, फर्जी फोटो और फर्जी आईडी का इस्तेमाल किया है। फर्जी पॉवर ऑफ अटॉर्नी का उपयोग करके 7 सितंबर 1999, 8 सितंबर 1999 और 28 अक्टूबर 1999 को राजेंद्र सिंह की पुत्रवधु मधु सिंह और बेटे दीपक के नाम बैनामे किए गए। दादरी के सब रजिस्ट्रार कार्यालय ने 4 फरवरी 2020 को एक पत्र का जवाब दिया। जिसमें बताया है कि पावर ऑफ अटॉर्नी रजिस्टर्ड नहीं हैं। यह पॉवर ऑफ अटॉर्नी फर्जी थीं। फर्जी बैनामा के आधार पर जमीन भू-अर्जन अधिनियम के तहत ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण को बेचकर मुआवजा ले लिया।

दस्तावेजों में सरकार के नाम दर्ज थी जमीन

जिला शासकीय अधिवक्ता की ओर से दर्ज करवाए गए मुकदमे के आधार पर यह जमीन सरकार ने जब्त कर ली थी और खतौनी में सरकार के नाम दर्ज कर दी गई थी। सरकार ने 1.42 करोड़ रुपए और 92,490 कुर्क किए थे। दस्तावेजों में दर्ज इन सारी एंट्री को छुपाकर मुआवजा हासिल किया गया। इतना ही नहीं इन लोगों ने अधिग्रहित जमीन के सापेक्ष 6% भूमि आवंटन हासिल किया। यह भूमि आवंटन राजेंद्र सिंह की पुत्रवधू मधु सिंह के पिता जीएस कांबोज के नाम आवंटित किया गया है। नियमानुसार यह सम्भव नहीं है। यतेंद्र सिंह भाटी का कहना है कि सरकारी जमीन का मुआवजा राजेंद्र भाटी की पुत्रवधू मधु सिंह ने हासिल किया। इसके बदले में 6% का भूखंड मधु सिंह के पिता को आवंटित किया गया। यह सब घोटाला करने के लिए मधु के पिता का नाम भीम सिंह लिखा गया है।

फर्जी फोटो और आईडी का इस्तेमाल किया गया

इस पूरे घोटाले को अंजाम देने के लिए फर्जी आईडी और फोटो इस्तेमाल किए गए हैं। सत्येंद्र कुमार भाटी ने बताया कि राजेंद्र सिंह ने ग्रेटर नोएडा में एक कमर्शियल प्लॉट गलत ढंग से आवंटित करवाया है। श्वेता पत्नी मनोज और सात अन्य लोगों के नाम सामने आए हैं। इस पूरे घोटाले में टीपीएल कंपनी लिमिटेड भी शामिल है। इस कंपनी ने तुस्याना में इलेक्ट्रॉनिक सिटी बसाने के लिए 20 अप्रैल 1989 को उत्तर प्रदेश सरकार से भूमि खरीदने की अनुमति हासिल की थी। सरकार ने कंपनी को 'उत्तर प्रदेश जमीदारी अबोलिशन एंड लैंड रिफॉर्म्स एक्ट' के तहत छूट दी थी। राज्य सरकार ने 17 अगस्त 2006 को मंजूरी की शर्तों का उल्लंघन करने पर एनओसी रद्द कर दी थी। उसी दिन कंपनी की सारी जमीन राज्य सरकार में निहित कर दी गई थी।

पूर्व महाप्रबंधक रविंद्र तोंगड़ पर गंभीर आरोप

यतेंद्र कुमार भाटी का कहना है कि इस फर्जीवाड़े में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के पूर्व महाप्रबंधक रविंद्र तोंगड़ पुत्र रामदास भी शामिल है। रविंद्र तोंगड़ के नाम पर भी जमीन खरीदी गई हैं। रविंद्र तोंगड़ ने प्राधिकरण में अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल करके राजेंद्र सिंह की सहायता की है। इस सहायता के बदले रविंद्र तोंगड़ ने भारी-भरकम धनराशि मुआवजे के तौर पर विकास प्राधिकरण से हासिल की है। राजेंद्र सिंह ने अपनी पुत्रवधू मधु सिंह के नाम जो कमर्शियल प्लॉट ग्रेटर नोएडा में आवंटित करवाया है, यह जमीन ग्रीन बेल्ट की है। जिसका लैंड यूज चेंज नहीं किया गया है। इस जमीन के ऊपर से हाईटेंशन लाइन भी गुजर रही है। लिहाजा, इस भूखंड का आवंटन पूरी तरह नियमों के विरुद्ध है। यह आवंटन करवाने में रविंद्र तोंगड़ की अहम भूमिका रही है।

इन लोगों के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर

1. राजेंद्र सिंह पुत्र मेहताब सिंह, निवासी ग्राम मकोड़ा

2. श्वेता सिंह पत्नी मनोज सिंह, निवासी ग्राम मकोड़ा

3. मधु सिंह पत्नी दीपक सिंह, ग्राम मकोड़ा

4. रविंद्र सिंह तोंगड़ पुत्र रामदास, ग्राम आनंदपुर

5. गीता सिंह पत्नी राजेंद्र कुमार, निवासी झंडेवालन, नई दिल्ली

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