भबानीपुर उपचुनाव से पहले ममता बनर्जी बेनकाब, दिलीप घोष पर टीएमसी ने किया जानलेवा हमला
प्रचार के आखिरी दिन भी गंडागर्दी पर उतारू है टीएमसी पार्टी

पश्चिम बंगाल में एक बार फिर से ममता बनर्जी का असली चेहरा सामने आया है क्योकि अब जब भवानीपुर में उपचुनाव के लिए आज प्रचार का आखिरी दिन है तो ऐसे में राजनीति खीज निकाल रही टीएमसी पार्टी ने एक बार फिर से अपनी गुंडागर्दी दिखाने का काम किया है और इसी कड़ी में अब पूर्व बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष पर जानलेवा हमला करने की कोशिश की गई,
#Bhawanipur में उपचुनाव प्रचार के आखिरी दिन @DilipGhoshBJP पर हमला! #TMC समर्थकों पर आरोप।
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) September 27, 2021
दरअसल दिलीप घोष जदुबाबू बाजार प्रचार करने पहुंचे थे जहां टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने दिलीप घोष को घेरकर गो बैक के नारे लगाए, इस दौरान दिलीप घोष के साथ धक्का मुक्की भी की गई जिसमें एक बीजेपी कार्यकर्ता के सिर पर चोट भी आई है
#Bhawanipur में उपचुनाव प्रचार के आखिरी दिन @DilipGhoshBJP
— PURUSHOTTAM SINGH (@singhpuru2202) September 27, 2021
पर हमला! #TMC समर्थकों पर आरोप। pic.twitter.com/mqA8Rt1nFn
वहीं भवानीपुर में उपचुनाव से ठीक पहले हुए इस हमले की बीजेपी ने निंदा की है इसी कड़ी में दिलीप घोष ने इसे ममता की चाल बताया और कहा कि किसी भी हाल में चुनाव जीतना चाहती ही टीएमसी । तो वहीं बीजेपी नेता आमित मालवीय और मनोड तिवारी ने भी इसे हार के डर की बौखलाहट करार दिया है।
BJP's massive outreach in Bhabanipur has unnerved the TMC. Attempts being made to stop leaders from campaigning. But how many people will they be able to stop? BJP leaders are spread out in every corner of the constituency. Importantly, public is out in large numbers to support.
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 27, 2021
आज प्रचार का आखिरी दिन है TMC के कार्यकर्ताओं ने ममता बनर्जी के लिए ताकत झोंक दी है तो वहीं BJP ने 80 नेताओं को मैदान में उतारा है, बीजेपी की ओर से पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी, राज्य बीजेपी प्रमुख सुकांत मजूमदार, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष, और पार्टी के नेता देबाश्री चौधरी और बीजीपे नेता मनोज तिवारी सहित कई नेता चुनावी मैदान में उतरे हैं ।
ममता बनर्जी को 5 नवंबर तक जीतकर पहुंचना होगा विधानसभा
दरअसल भवानीपुर का चुनाव जीतना ममता बनर्जी के लिए बेहद अहम है क्योकि अगर इस चुनाव में ममता बनर्जी जीत हासिल करती हैं तो सीएम पद पर बनी रहेंगी और अगर हार जाती हैं तो पद छोड़ना भी पड़ सकता है, चुनाव में हार के बाद भी ममता बनर्जी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. नियम के मुताबिक अगर कोई ऐसा व्यक्ति मुख्यमंत्री बनता है जो किसी सदन का सदस्य न हो तो ऐसे में उसे छह महीने के अंदर जीतकर विधानसभा पहुंचना होता है नहीं तो मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ता है. सीएम पद पर बने रहने के लिए ममता बनर्जी को 5 नवंबर तक विधानसभा के किसी एक सीट पर जीत दर्ज करनी होगी. क्योंकि संविधान राज्य विधानमंडल या संसद के गैर-सदस्य को केवल छह महीने के लिए चुने बिना मंत्री पद पर बने रहने की अनुमति देता है ।