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बिकरू गांव बना भयमुक्त, हम योगी जी के आभारी हैं, विकास दुबे के चाचा ने बताया सच।

बिकरू गांव बना भयमुक्त, हम योगी जी के आभारी हैं, विकास दुबे के चाचा ने बताया सच।

बिकरू गांव बना भयमुक्त, हम योगी जी के आभारी हैं, विकास दुबे के चाचा ने बताया सच।
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उत्तर प्रदेश के एक गांव बिकरू में रहने वाला विकास दुबे भले ही अपने दुष्कर्मों के लिए एक साल पहले एनकाउंटर में मारा गया हो लेकिन आज भी राजनीतिक मुद्दों को भटकाने के लिए विपक्ष उसके नाम का इस्तेमाल करने से नहीं चूक रहा। यूपी चुनाव नजदीक आ रहे हैं, ऐसे में विपक्ष तमाम कोशिशें कर रहा है कि कैसे भी वह यूपी से योगी राज खत्म कर सकें। सत्ता की भूख में विपक्ष विकास दुबे जैसे जघन्य अपराधी को भी निर्दोष साबित करने में जुटा है। उनकी नजर में विकास दुबे का एनकाउंटर योगी सरकार की बड़ी गलती है जबकि विकास दुबे के पड़ोसियों का कहना है कि विकास दुबे जैसे गैंगस्टर को मारकर यूपी पुलिस ने उन्हें आजादी दिलाई है, उनके गांव बिकरू को भयमुक्त बनाया है।

आपको बता दूं प्यारा हिंदुस्तान की टीम विकास दुबे के गांव बिकरू उसके पड़ोसियों से बातचीत करने पहुंची। इस दौरान हमारी टीम ने जब वहां के लोगों से बात की तो गांव वासियों ने डर की एक ऐसी दास्तां बयान की जिससे वह वर्षों तक जूझ रहे थे। पहले तो वहां के लोग विकास दुबे का नाम सुनते ही चौंक गए और अपने घरों में जाने लगे लेकिन फिर एक बूढे़ चाचा मिले, जो विकास दुबे के घर से करीब 4-5 घर छोड़कर रहते हैं, उन्होंने साहस किया और हमें गैंगस्टर विकास दुबे के सारे कारनामें बताए।

पूरी बात सुनने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।


उन चाचा का कहना है कि उन्होंने एक समय पर विकास दुबे के अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई थी तबसे अब तक विकास दुबे ने उन्हें गांव की हर सुविधा से वंछित कर दिया था। उन्होंने बताया कि 1995 में विकास दुबे प्रधान थे। उस दौरान उनकी तानाशाही पूरे गांव में हर कोई झेल रहा था। लोग डर के मारे विकास दुबे और उसके गुर्गों के सामने मुंह नहीं खोलते थे। विकास दुबे के घर सपा और बसपा के नेता आया करते थे। चुनाव के दौरान विकास जिसे चाहता बिकरू के लोग आंख बंद करके उसी पार्टी को वोट देते।

अपनी युवावस्था में ही विकास दुबे ने खुद का एक गिरोह बना लिया था। उसका नाम हत्या और जमीन हथियाना जैसे कई अपराधिक मामलों में शामिल था। उसके खिलाफ पहला मामला 1990 में हत्या के लिए दर्ज किया था। वह जल्द ही कानपूर का एक नामी अपराधी बन गया। बहुजन समाज पार्टी के हरिकिशन श्रीवास्तव से विकास का नाम जुड़ा था। वहीं पड़ोस में रहने वाले चाचा ने खुद को विकास दुबे का चाचा बताया और साथ ही ये भी कि वो उनसे नहीं डरते थे इस लिए उन्हें प्रताड़ना झेलनी पड़ी।

Manisha Dhindoria

Manisha Dhindoria

Editor & Reporter


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