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मिस्र में पीएम मोदी ने अल- हाकिम मस्जिद का किया दौरा, हेलियोपोलिस युद्ध स्मारक में भारतीय सैनिकों को दी श्रद्धांजलि

मिस्र में पीएम मोदी ने अल- हाकिम मस्जिद का किया दौरा, हेलियोपोलिस युद्ध स्मारक में भारतीय सैनिकों को दी श्रद्धांजलि
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिस्र की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर काहिरा पहुंच गए हैं। मिस्र के पीएम मुस्तफा मैडबौली ने हवाई अड्डे पर पीएम मोदी का स्वागत किया। इस दौरान पीएम को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। यह 26 वर्षों में किसी भारतीय प्रधान मंत्री की मिस्र की पहली द्विपक्षीय यात्रा है।

पीएम मोदी अल- हाकिम मस्जिद का किया दौरा

मिस्र के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राजधानी काहिरा स्थित अल-हकीम मस्जिद का दौरा किया। 11वीं सदी की यह मस्जिद काहिरा में दाऊदी बोहरा समुदाय के लिए बहुत ही ज्‍यादा सांस्‍कृतिक महत्‍व रखती है। इस समुदाय की मदद से ही इस मस्जिद का निर्माण किया गया था। फरवरी में इस मस्जिद को दोबारा खोला गया था। कई विशेषज्ञ हजारों साल पुरानी इस मस्जिद में पीएम मोदी यात्रा को काफी अलग तरीके से देख रहे हैं। उनका कहना है कि मिस्र आकर इस मस्जिद का दौरा करना द्विपक्षीय संबंधों में गेम चेंजर होगा। उन्‍होंने उनके इस दौरे की तारीफ की है। बता दे, यहां दाऊदी बोहरा समुदाय ने पीएम मोदी का स्वागत किया और मोदी को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए. मोदी ने यहां दाऊदी बोहरा समुदाय के लोगों से बात की. मस्जिद को दोबारा बनाने में दाऊदी बोहरा समुदाय का बड़ा योगदान रहा है.

क्यों ख़ास है अल- हाकिम मस्जिद?

बता दे, सन् 1997 के बाद कोई भारतीय पीएम मिस्र की यात्रा पर गया है। यह मस्जिद मिस्र के मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। इस मस्जिद का निर्माण, मिस्र के तुलुनिद साम्राज्य के संस्थापक अहमद इब्न तुलुन ने 879 ईस्वी में शुरू कराया था और यह 1013 में पूरा हुआ। यह मिस्र की चौथी सबसे पुरानी मस्जिद और काहिरा में दूसरी सबसे बड़ी मस्जिद है। 1303 में मजीद को भूकंप से नुक्सान भी पहुंचा था। 1970 के दशक के अंत में इस मस्जिद का पुनर्निर्माण कार्य दाउदी बोहरा समुदाय के 52वे धर्मगुरु मोहम्मद बुरहानुद्दीन शुरू किया गया। इसका सम्बन्ध भारत से था और सामाजिक क्षेत्र में योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मनित किया। 1979 में मस्जिद को विश्व धरोहर में शामिल किया गया।

पीएम मोदी ने हेलियोपोलिस में सैनिकों को दी श्रद्धांजलि

वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मिस्र की राजधानी काहिरा स्थित हेलियोपोलिस वॉर मेमोरियल का दौरा किया। हेलियापोलिस वॉर मेमोरियल भारत के लिए काफी खास है। प्रथम विश्‍व युद्ध में शहीद हुए करीब चार हजार सैनिकों की वीरगाथाएं आज भी इस वॉर मेमोरियल पर दर्ज हैं। पीएम मोदी ने भी इन सैनिकों को नमन किया और इन्‍हें श्रद्धांजलि दी।

बता दे, हेलियापोलिस वॉर मेमोरियल या युद्ध कब्रिस्‍तान, पोर्ट टेवफिक में स्थित है। यहां पर प्रथम विश्व युद्ध में लड़ने वाले करीब 4,000 भारतीय सैनिकों के नाम अंकित हैं। हेलियोपोलिस कब्रिस्तान उन 1,700 कॉमनवेल्थ सैनिकों की भी याद दिलाता है जो द्वितीय विश्व युद्ध में मारे गए थे। यह स्मारक उन 3,727 भारतीय सैनिकों की याद में बनाया गया है जो प्रथम विश्व युद्ध में मिस्र और फिलिस्तीन के कई अभियानों में लड़ते हुए शहीद हो गए थे। पोर्ट टेवफिक स्मारक का अनावरण सन् 1926 में किया गया था। यह स्वेज नहर के मुख्य द्वार पर स्थित है। पोर्ट टेवफिक को अब पोर्ट स्वेज के नाम से जाना जाता है।

Rani Gupta

Rani Gupta

News Reporter


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