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पाकिस्तान में गिरी इमरान खान की सरकार, शाहबाज होंगे नए प्रधानमंत्री

पाकिस्तान में गिरी इमरान खान की सरकार, शाहबाज होंगे नए प्रधानमंत्री
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पाकिस्तान में पिछले कई दिनों से चली आ रही सियासी उथल-पुथल शनिवार मध्यरात्रि को इमरान खान की सरकार गिरने के ​साथ खत्म हो गई. शनिवार देर रात को पाकिस्तान की संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई. इमरान खान मुल्क में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता गंवाने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं। 342 सदस्यों वाली नेशनल असेंबली में इमरान सरकार के खिलाफ 174 सांसदों ने वोट किया। बहरहाल, इस सत्ता परिवर्तन की गवाह पूरी दुनिया बनी .

वहीं इस्लामाबाद में ये अफवाह है कि इमरान खान को डीजी आईएसआई नदीम अंजुम ने देर रात थप्पड़ मारा था।

बता दे, इस वोटिंग में इमरान सरकार के खिलाफ 174 वोट पड़े, जबकि सत्ता पक्ष के सांसदों ने संसद की कार्यवाही में भाग नहीं लिया. वहीं, शहबाज शरीफ को पाकिस्तान का नया प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है. शहबाज पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं. शहबाज के पास पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का अनुभव है. आपको बता दे, देश के 74 साल के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया।बता दे, 8 मार्च को उनके खिलाफ पाकिस्तान मुस्लिम लीग और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के 100 सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था। करीब 33 दिनों तक चले राजनीतिक ड्रामे का अंत इमरान खान की सत्ता जाने से हो गया। इमरान के विदेश जाने पर भी रोक लगाने की बात कही जा रही है। वहीं, इमरान खान ने प्रधानमंत्री आवास छोड़ दिया है. वह अपने निजी आवास में शिफ्ट हो गए हैं. इससे पहले ​इमरान खान ने अपनी गिरफ्तारी की आशंका जताई थी. संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले उन्होंने अपनी ओर से तीन शर्तें भी रखीं थी. शर्तों में इमरान खान ने कहा था कि उनको गिरफ्तार न किया जाए, उनके किसी मंत्री को गिरफ्तार किया जाए आदि बातें कही गईं थीं.

वहीं चार साल पहले सत्ता से बाहर हुए शरीफ परिवार की शहबाज के रूप में एक बार फिर वापसी हुई है। इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई है। उनके भाई और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ लंदन में हैं, लेकिन उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के बाद अपने भाषण में कई बार उन्हें याद किया। खबर है कि शरीफ हमेशा भारत के साथ संबंध सुधारने को लेकर सकारात्मक रहे हैं, लेकिन इमरान के बयानों के चलते यह मुश्किल हो सकता था।

खास बात है कि पाकिस्तान में अब तक कोई भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है। रविवार को भी यही हुआ और चौथे साल में इमरान सरकार को भी बाहर का रास्ता देखना पड़ा। हालांकि, वोटिंग के दौरान इमरान नेशनल असेंबली में मौजूद नहीं थे। विपक्ष ने पीएम के खिलाफ 8 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किया था।

Rani Gupta

Rani Gupta

News Reporter


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