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UNSC ने हाफिज सईद के साले अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित किया, UNSC में चीन ने भी पाक को अकेला छोड़

UNSC ने हाफिज सईद के साले अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित किया, UNSC में चीन ने भी पाक को अकेला छोड़
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने सोमवार को पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया। UNSC ने अपनी ISIL (दाएश) और अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत एक वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया।

मक्की की संपत्ति फ्रीज होगी

यूएन द्वारा जारी एक बयान के अनुसार दुनियाभर में अब्दुल रहमान मक्की की संपत्ति अब फ्रीज होगी। इसके अलावा मक्की की यात्रा पर भी प्रतिबंध लगेगा। यानी मक्की अब धन का इस्तेमाल नहीं कर सकता है। इसके साथ ही वह हथियार भी नहीं खरीद सकता है और अधिकार क्षेत्र से बाहर यात्रा भी नहीं कर सकता है।

भारत और अमेरिका पहले ही अब्दुल मक्की को अपने घरेलू कानूनों के तहत आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध कर चुके हैं। वह धन जुटाने, भर्ती करने और युवाओं को हिंसा के लिए कट्टरपंथी बनाने और भारत में (विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर में) हमलों की योजना बनाने में शामिल रहा है।

आतंकी हाफिज सईद का बहनोई है मक्की

मक्की लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) प्रमुख और 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बहनोई है। अमेरिका द्वारा नामित विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) लश्कर के भीतर भी वह कई नेतृत्व भूमिकाओं पर रह चुका है। उसने लश्कर के अभियानों के लिए धन जुटाने में भी भूमिका निभाई है। पिछले साल जून में चीन ने द्वारा लश्कर-ए-तैयबा (Da’esh) के नेता को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की भारत की कोशिश में खलल डाला था, लेकिन इस बार चीन ने उसका साथ नहीं दिया।

चीन ने कई बार डाला अड़ंगा

अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार 2020 में एक पाकिस्तानी आतंकवाद-रोधी अदालत ने आतंकवाद के वित्तपोषण के एक मामले में अब्दुल रहमान मक्की को दोषी ठहराया और उसे जेल की सजा सुनाई थी। इसके पहले चीन ने विशेष रूप से पाकिस्तान से आये आतंकवादियों की सूची में बाधाएँ डाली हैं। चीन ने पाकिस्तान के और संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर को नामित करने के प्रस्तावों में बार-बार अड़ंगा डाला है।

भारत को विफल नहीं कर सकता चीन

संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि यह खबर विश्व स्तर पर बढ़ती समझ को दर्शाती है कि चीन भारत को विफल नहीं कर सकता। हमारे लोगों पर हमला करने वालों के खिलाफ भारत की न्याय की खोज पर चीन का गला घोंटना अब व्यर्थ है। सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि अभी कई और लोग हैं, जिन्हें आतंकवादी के रूप में नामित किया जाना है। इनमें साजिद मीर, अब्दुल रऊफ अजहर, शाहिद महमूद और तल्हा सईद शामिल हैं। यह पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के खिलाफ हमारे लोगों के लिए न्याय की हमारी तलाश है और खोज जारी है।

अकबरुद्दीन ने कहा कि पहले हमें मसूद अजहर को नामित करने में एक दशक से अधिक समय लगा और अब अब्दुल रहमान मक्की को नामित करने में हमें 7 महीने लग गए। आप देख सकते हैं कि भारत अब किस तरह का दबाव बढ़ा रहा है और यह एक सफलता है।

वही दरअसल, 16 जून 2022 को चीन ने पाकिस्तानी खूंखार आतंकी मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधित सूची में शामिल करने के अमेरिका और भारत के संयुक्त प्रस्ताव को आखिरी क्षण में रोक दिया था। लेकिन इस बार वैश्विक दबाव और काफी सबूत मौजूद होने के चलते चीन को झुकना पड़ा।

Rani Gupta

Rani Gupta

News Reporter


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