मालदीव विवाद के बीच भारत के समर्थन में आया इज़रायल, लक्षद्वीप में टूरिज्म बढ़ाने के बड़े प्रोग्राम का किया ऐलान

Update: 2024-01-08 12:35 GMT

भारत और मालदीव के विवाद लगातार गहराता जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मालदीव के कुछ नेताओं के अपमानजनक टिप्पणी करने की वजह से ये विवाद गरमा गया है. इस बीच पीएम मोदी की लक्षद्वीप को भारत के नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित करने की बात के समर्थन में इजरायल भी आ गया है. भारत में इजरायल के दूतावास ने पीएम मोदी की इस पहल के समर्थन में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है. इजरायली दूतावास ने कहा कि लक्षद्वीप को नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित करने के प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने के लिए बड़े प्रोग्राम का ऐलान

इस पोस्ट में इजरायली दूतावास ने कहा कि भारत सरकार के अनुरोध पर यहां डिसैलिनेशन प्रोग्राम (अलवणीकरण कार्यक्रम) शुरु करने के लिए हम बीते साल लक्षद्वीप गए थे. दूतावास ने भारत का समर्थन करते हुए कहा कि इजरायल इस परियोजना पर कल से ही काम शुरू करने के लिए तैयार है.

इजरायली दूतावास ने शेयर की खूबसूरत तस्वीरें

इजरायली दूतावास की ओर से लक्षद्वीप की सुंदरता को दर्शाती कुछ तस्वीरें भी साझा की गई हैं. इन तस्वीरों को शेयर करते हुए कहा गया है कि यहां इस द्वीप के मनमोहक आकर्षण को दिखाने वाली कुछ तस्वीरें हैं, उन लोगों के लिए जो अभी तक लक्षद्वीप के प्राचीन और प्रभावशाली पानी के नीचे की सुंदरता को नहीं देख पाए हैं.

क्या है मालदीव विवाद?

जनवरी के पहले हफ्ते में प्रधानमंत्री मोदी ने लक्षद्वीप की यात्रा की. इस दौरान उन्होंने कुछ तस्वीरों को शेयर करते हुए पर्यटकों से लक्षद्वीप की सुंदरता को देखने की अपील की. इसे मालदीव के कुछ नेताओं ने अपने देश के विकल्प के तौर पर लक्षद्वीप को तैयार करने के तौर पर देखा. इन नेताओं ने सोशल मीडिया पर भारत और पीएम मोदी को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करना शुरू कर दी. जिसे लेकर विवाद गहरा गया. भारत ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए नई दिल्ली में मौजूद मालदीव के राजदूत को तलब किया था. इसके बाद मालदीव की राजधानी माले में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त को देश के विदेश मंत्रालय ने समन भेजा.

चीन की यात्रा पर पहुंचे मालदीव के राष्‍ट्रपति

इस बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू आठ जनवरी को चीन की यात्रा पर पहुंच गए हैं. इस दौरान शी जिनपिंग तथा मुइज्जू देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा करेंगे. दोनों नेता कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी करेंगे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि राष्ट्रपति शी आठ-12 जनवरी तक राजकीय यात्रा पर आ रहे मुइज्जू के स्वागत में भोज देंगे. दोनों राष्ट्राध्यक्ष बातचीत करेंगे और 'सहयोग दस्तावेजों के हस्ताक्षर समारोह' में भाग लेंगे.

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