गाय करेगी खाड़ी देशों से भारत के रिश्ते मजबूत? पहली बार भारत से कुवैत समेत कई खाड़ी देशों को निर्यात होगा गोबर

Update: 2022-06-13 10:21 GMT

विवादित बयानों के चलते खाड़ी देशों ने भारतीय उत्पादों पर रोक की निराशाजनक खबरों के बीच जयपुर से एक अच्छी तस्वीर सामने आ रही है। गाय खाड़ी देशों को जोड़ने का अब माध्यम बन रही है। अब तक गाय का दूध, घी ही स्वास्थ्य वर्द्दक मानकर विदेशों में निर्यात हो रहा था, मगर पहली बार हिन्दुस्तान से देशी गाय का ओर्गानिक गोबर कुवैत भेजा जा रहा है। करीब 200 मेट्रिक टन गाय का गोबर कुवैत भेजने के लिए पैक हो रहे हैं। फसलों के लिए गाय का गोबर बहुत उपयोगी है। मुस्लिम बहुल देश कुवैत के कृषि वैज्ञानिकों ने रिसर्च में यह दावा किया है। इसके बाद भारत को पहली बार देशी गाय के गोबर का ऑर्डर मिला है। 15 जून को जयपुर से 192 मीट्रिक टन देशी गाय का गोबर कुवैत भेजा जाएगा। इसके लिए कस्टम विभाग की निगरानी में टोंक रोड स्थित श्री पिंजरापोल गोशाला स्थित सनराइज ऑर्गेनिक पार्क में कंटेनर में गोबर की पैकिंग की जा रही है। इसकी पहली खेप के रूप में 15 जून को कनकपुरा स्टेशन से कंटेनर मुंबई फिर जहाज से जाएगा।

बता दे, श्रीपिंजरापोल गोशाला के महामंत्री शिवरतन चितलांगिया, डायरेक्टर प्रशांत चतुर्वेदी ने बताया भारत में मवेशियों की संख्या तीस करोड़ है। इनसे रोज 30 लाख टन गोबर मिलता है। इसमें से तीस फीसदी को उपला बनाकर जला दिया जाता है, जबकि ब्रिटेन में गोबर गैस से हर साल सोलह लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होता है, तो चीन में डेढ़ करोड़ परिवारों को घरेलू ऊर्जा के लिए गोबर गैस की आपूर्ति की जाती है। वहीं देश में ऐसा नहीं हो पा रहा है।

बढ़ेगा खजूर की फसल का उत्पादन

कुवैत के कृषि वैज्ञानिकों के रिसर्च में पता चला है कि देशी गाय के गोबर का पाउडर के रूप में खजूर की फसल में इस्तेमाल करने से फल के आकार और उत्पादन में बढ़ोतरी देखी गई है। इसी के बाद कुवैत की कंपनी लैमोर ने गाय का गोबर मंगा रही है।

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