नूपुर शर्मा के खिलाफ कुवैत में प्रदर्शन पर प्रवासियों का वीजा रद्द, अब डिपोर्ट की तैयारी, प्रवासी दोबारा कभी नहीं जा पाएंगे कुवैत, ट्वीटर पर कुवैत सरकार के फैसले पर लोगों ने दिए रिएक्शन

Update: 2022-06-13 08:44 GMT

पैग़ंबर मोहम्मद पर बीजेपी के पूर्व प्रवक्ताओं की विवादित टिप्पणी के बाद भारतीय राजदूत को तलब कर चुके कुवैत ने अब उन लोगों को गिरफ़्तार करके वापस उनके मुल्क भेजने का फ़ैसला किया है, जिन्होंने बीते शुक्रवार इस मसले पर विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था.अरब टाइम्स की ख़बर के अनुसार, जुमे की नमाज़ के बाद कुवैत में भी लोगों ने प्रदर्शन किया था.

बता दे, कुवैत सरकार ने इस विवाद पर नए निर्देश जारी किए हैं, जिसके मुताब़िक बयान को लेकर जिन्होंने प्रदर्शन किया, उन्हें उनके संबंधित देशों में वापस भेजा जाएगा. सरकार ने कहा है, "सभी प्रवासियों को क़ानून का सम्मान करना चाहिए और किसी भी तरह के धरना-प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेना चाहिए."

बता दे, प्रदर्शनकारियों में पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और अरब देशों के प्रवासियों के साथ ही भारतीय भी शामिल हो सकते हैं.वही अरब टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से ये भी लिखा है कि प्रदर्शनकारी प्रवासियों को हमेशा के लिए कुवैत में घुसने से रोका जा सकता है.इसके बाद से ही तमाम लोगो ने ट्वीटर पर कुवैत के इस फैसले को सही ठहराया और कहा की भारत में भी ऐसा ही क़ानून होना चाहिए।

वही ट्वीटर पर आशुतोष चतुर्वेदी लिखते है, "जिस कुवैत के नाम पर भारत में रह रहे कुछ लोग इतरा रहे थे, अब वही कुवैत नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वालों को गिरफ़्तार करके वापस उनके देश भेजने का प्लान कर चुका है…क्योंकि ग़ैर कुवैती लोगों का उस देश में प्रदर्शन करना अपराध है…मान लीजिए जनाब भारत से बेहतर कोई देश नहीं।"

इसी के साथ रुबिका लिकायत लिखती है, "कुवैत में नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वालों को गिरफ़्तार कर वापस उनके देश भेजा जाएगा…क़ानून के मुताबिक़ ग़ैर कुवैती लोग उस देश में प्रदर्शन करें तो अपराध है..इसी देश पर कुछ लोग बड़ा इतरा रहे थे…लोकतांत्रिक मूल्यों में भारत का कोई सानी नहीं है दिलोदिमाग़ में बसा लीजिए.."

वही सुशांत सिन्हा लिखते है, "जिस कुवैत के लिए आंखों में मोहब्बत लिए कूद रहे थे वहाँ खड़े हो चार नारे लगाने पर बोरिया बिस्तर बांधकर इंडिया रवाना कर दिया जा रहा और यहां "सर तन से जुदा"/मर जा मोदी के नारे लगाने के बाद भी फ्री में राशन,घर,शौचालय मिलता है।अब भी कहां आपकी क्या हैसियत है समझ न आए तो भगवान मालिक है।"

इसी के साथ ही रईस पठान ने सवाल पूछते हुए ट्वीट किया, "अब क्या कुवैत वाले भी काफिर हो चुके हैं?"

आपको बता दे, शुक्रवार, 10 जून को जुमे की नमाज़ के बाद कुवैत के फ़हाहील इलाक़े में 40-50 प्रवासियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया और नारेबाज़ी भी की थी. वही कुवैत में विदेशियों के प्रदर्शन और आंदोलन करने को गंभीर अपराध माना जाता है. प्रशासन इस मामले को लेकर मिसाल भी पेश करना चाहता है ताकि भविष्य में प्रवासी इस तरह से क़ानून का उल्लंघन न कर पाएं. कुवैत सरकार उन स्थानीय लोगों पर भी उपयुक्त कार्रवाई कर सकती है, जो इस धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए थे. 

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