टेस्ला- एप्पल 2022 तक चीन से समेटेगी अपना बोरिया बिस्तर ,भारत का करेगी रुख

Update: 2021-10-03 13:21 GMT

चीन की हर एक चालाकी का जबाव अब हिंदुस्तान की ओर से दिया जा रहा है। पहले ही भारत चीनी ऐप्स पर बैन लगाकर और चाइनीज प्रोडक्टस का बहिष्कार कर चीन को आर्थिक रुप से बड़ा झटका दे चुका है। जिसका असर अब चीन की आर्थिक सेहत पर पड़ने लगा है। चीन में बिजली संकट गहरा गया है। दुनिया को अंधेरा में रखने वाला चीन खुद अंधकार में डूब चुका है। बिजली कटौती के कारण हालात इतने बिगड़ गए हैं कि एपल और टेस्ला जैसी बड़ी कंपनियों का कारोबार तक प्रभावित हो रहा है।

लेकिन अब दुनिया की दो दिग्गज कंपनिया टेस्ला और एप्पल ने चीन को बड़ा झटका देते हुए चीन में मौजूद अपनी कंपनियो को भारत में स्थानांतरित करने का मन बना लिया है। टेस्ला, एपल ने अब भारत में विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत करने के लिए 2022 का लक्ष्य रखा है। दरअसल पहले ही एप्पल और टेस्ला को इस साल भारत में निवेश करना था। दुनिया के नक्शे पर भारत को एक ब्रांड के रूप में उठाने की तैयारी थी तो वही र तकनीक और ऑटो क्षेत्रों में चीन के नेतृत्व वाले निवेश पर निर्भरता को और समाप्त करने के लिए तैयार थे। महामारी और वैश्विक चिप की कमी के कारण कुछ देरी हुई है।बहरहाल, दोनों दिग्गज अब अगले साल अपनी भारत निर्माण कहानी को फिर से लिखने का लक्ष्य रख दिया है। 

दरअसल टेस्ला के सीईओ एलन मस्क और एप्पल के सीईओ टिम कुक दोनों ने ही देश में धमाकेदार एंट्री की घोषणा की थी। मस्क चाहते थे कि उनकी इलेक्ट्रिक कारें घरेलू सड़कों पर चले जबकि कुक ने देश में अधिक ऐप्पल उत्पादों को असेंबल करने / बनाने पर जोर देने के साथ-साथ पहला ब्रांडेड रिटेल स्टोर (मुंबई में) खोलने की घोषणा की। 

हालाँकि कोविड की दूसरी लहर और ऑटोमोबाइल सेमी कंडक्टर की कमी ने इस साल इन योजनाओ को बाधित किया। काउंटरपॉइंट रिसर्च के रिसर्च एनालिस्ट (आईओटी, ऑटोमोटिव और डिवाइसेज इकोसिस्टम) सौमेन मंडल के मुताबिक, माना जा रहा है कि भारत जल्द ही सबसे बड़े ईवी बाजारों में से एक बन जाएगा ।

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