केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम यूपी के 253 जाट नेताओें से करेगे मुलाकात, जाट वोटर्स को धमकी देने वाला नाहिद हसन का समर्थक गिरफ्तार

Update: 2022-01-25 12:10 GMT

उत्तर प्रदेश में पहले राउंड की वोटिंग से पहले केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम यूपी के 253 जाट नेताओें से मुलाकात करेगे। बताया जा रहा है कि यह मीटिंग पार्टी के ही एक दिग्गज जाट नेता के घर पर ही बुलाई गई है। 

दरअसल यूपी में पहले राउंड की वोटिंग से ठीक पहले बीजेपी ने अब जाट समुदाय को साधने के लिए अपनी फील्डिंग तैयार कर रही है। जाट समुदाय के नेताओं के साथ अमित शाह की ये बैठक इसलिए भी अहम है क्योकि समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) ने गठबंधन करके इस बार चुनावो में जाट- मुस्लिम गठजोड़ बनाकर बीजेपी की चुनौती बढ़ाने की कोशिश की है। 

लेकिन इस बीच धमकियों का दौर भी शुरु हो गया है। पश्चिमी यूपी की शामली विधानसभा सीट से आरएलडी के प्रत्याशी प्रसन्न चौधरी के सामने सपा के प्रत्याशी नाहिद हसन के समर्थक खुलेआम जाट वोटरों धमकी दे रहे है। इस वीडियो को मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने शेयर किया है जिसमें सपा प्रत्याशी नाहिद हसन के समर्थक जाटों को धमकियाँ दे रहे हैं। 

वहीं मामला संज्ञान में आने के बाद शामली पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए खुलेआम धमकी देने वाले शख्स को सलाखों के पीछे भेज दिया है। और युवक के विरुद्ध चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया गया है। इसकी जानकारी शामली पुलिस ने सोशल मीडिया के जरिए दी है।

यूपी में भले ही जाटों की आबादी 3 से 4 फीसदी के बीच है, लेकिन पश्चिमी यूपी में 17 फीसदी के करीब है। विधानसभा  सीटों की बात करें तो १२० सीटें ऐसी हैं जहां जाट वोटबैंक असर रखता है। कुछ सीटों पर जाट समाज का प्रभाव इतना ज्यादा है कि हार-जीत तय करने की ताकत रखते हैं। पश्चिमी यूपी में 30 सीटें ऐसी हैं, जिन पर जाट वोटर्स को फैसला अहम माना जाता है। 

यूपी के सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, बिजनौर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, बुलंदशहर, हाथरस, अलीगढ़, और फिरोजाबाद जिले में जाट वोट बैंक चुनावी नतीजों पर सीधा असर डालता है। बीजेपी के तीन जाट सांसद हैं और विधानसभाकेन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम यूपी के 253 जाट नेताओें से करेगे मुलाकात की बात करें तो फिलहाल 14 जाट विधायक हैं। 2017 के चुनाव में सपा, बसपा, कांग्रेस से एक भी जाट विधायक नहीं बन सका था जबकि आरएलडी से जीते एकलौते विधायक ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया था।


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