CDS बिपिन रावत के भाई BJP में होंगे शामिल, CM धामी ने कर्नल विजय रावत से की मुलाकात

Update: 2022-01-19 08:54 GMT

उत्तराखंड विधानसभा की ७० सीटों के लिए १४ फरवरी को वोटिंग होगी। लेकिन इस पहले तमाम पार्टियां सियासी गठजोड़ में जुटी हुई है। बीजेपी को जहां एक बार फिर सत्ता वापसी को भरोसा है तो वही कांग्रेस और आम आदमी पार्टी बीजेपी को घेरकर वोट बटोरने की कोशिश कर रही है। लेकिन इन सबसे के बीच उत्तराखंड से बीजेपी के लिए अच्छी खबर सामने आ रही है। 

देश के पहले दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत के भाई कर्नल विजय रावत (सेवानिवृत्त) बीजेपी में शामिल हो सकते है। आज राजधानी दिल्ली मेंं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कर्नल विजय रावत से मुलाकात भी की है। और अब खबर सामने आ रही है कि १४ फरवरी से पहले यानि कुछ दिन बाद देहरादून में अधिकारिक तौर पर वह बीजेपी में शामिल होंगे।

बता दें कि उत्तराखंड में अगले महीने 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। 10 मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे। वहीं सीडीएस जनरल बिपिन रावत के भाई कर्नल विजय रावत ने मीडिया से बातचीत करते हुए बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है।  विजय रावत ने कहा भी कि मैं बीजेपी के लिए काम करना चाहता हूं। वह बोले कि हमारे परिवार की विचारधारा बीजेपी से मिलती है। अगर बीजेपी कहेगी तो चुनाव भी लड़ूंगा।

बता दें कि 8 दिसंबर को एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 दूसरे सेना के जवानो की मौत हो गई थी। उस वक्त रावत वायुसेना के Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर में सवार थे। हादसा तमिलनाडु के कुन्नूर में हुआ था। लेकिन हम सब जानते है कि उनका जन्म पौडी गढवाल में हुआ था। भले ही उन्होने इन साल देश सेवा में गुजारे, देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बने बीजी शेड्यूल के चलते भी सीडीएस रावत उत्तराखंड में काफी एक्टिव थे।

१९ सितंंबर 2019 को सीडीएस रावत अपनी पत्नी के साथ उत्तरकाशी के डुंडा ब्लॉक के स्थित अपने ननिहाल थाती गांव पहुंचे और गांव के हर ग्रामीण से बड़ी आत्मीयता मिले थे। ग्रामीणो की परेशानियों को सुना था। पहाड़ो से पलायन को लेकर भी चिंता जाहिर की थी।  जिसके लिए वह समय-समय पर केन्द्र व राज्य सरकार से उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने की बात करते रहते हैं।

उन्होंने कहा था कि पहाड़ो में जब मेडिकल कालेज, इंजीनियरिंग कालेज खुलेंगे तो यहां के युवा पलायान नही करेंगे। जिसके लिए उन्होंने वादा किया था कि रिटायरमेंट के बाद वे दोबारा यहां आयेंगे और पलायन के दंश से बेहाल पहाड़ के गांवों को फिर से आबाद करने की पहल करेंगे। उत्तराखंड दौरे के दौरान, हमेशा से ही दिवंगत सीडीएस रावत पहाड़ की समस्याओं को दूर करने की बात कहते थे।


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