केन्द्र सरकार ने तीनो कृषि कानूनो को लिया वापस, पीएम ने एजेंडाधारियो के मंसूबो पर फेरा पानी

Update: 2021-11-19 09:45 GMT

तीन कृषि कानूनो को अखिकरकार १४ महीने बाद सरकार ने वापस लेना का फैसला कर लिया है। जिस तरह से कृषि कानूनो के विरोध के नाम पर देश के खिलाफ साजिशें और षडयंत्र रचा जा रहा था। हिंसा हो रही थी। दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर को आंदोनजीवियो ने बंद कर रखा था। इन सब चीजो का आकलन करने के बाद केन्द्र सरकार ने यब बड़ा फैसला लिया है। 

आज गुरु पर्व के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में पिछले करीब एक साल से विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनो को वापस लिए जाने की घोषणा कर दी। पीएम ने संबोधन में कहा कि किसानो के लिए लिया गया फैसला आज देश के लिए वापिस ले रहा हूँ! पीएम ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम 18 मिनट के संबोधन में यह बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार ये कानून किसानों के हित में नेक नीयत से लाई थी, लेकिन हम कुछ किसानों को समझाने में नाकाम रहे।

पीएम के इस बडे फैसले के बाद आंदोलनजीवि राकेश टिकैत का बयान सामने आया जिसमें उन्होने कहा कि भले ही कृषि कानूनो को वापस ले लिया गया हो लेकिन आंदोलन जारी रहेगा। 

राकेश टिकैत के इस बयान पर एक बार फिर सवाल उठे।

एक तरफ केन्द्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया जा रहा है तो वही दूसरी और विपक्षी पार्टियां जो किसान आंदोलन के नाम पर सियासी रोटियां सेक रही थी वो इसे राजनीति हथकंडा बता रही है। 



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