ज्ञानवापी विवाद के बीच RSS चीफ मोहन भागवत का बड़ा बयान, कहा - हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों तलाशें?

ज्ञानवापी विवाद के बीच RSS चीफ मोहन भागवत का बड़ा बयान, कहा - हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों तलाशें?

Update: 2022-06-03 08:03 GMT

ज्ञानवापी के मुद्दे को लेकर विवाद अब भी जारी है और लगातार इस मुद्दे पर बयानबाज़ी भी की जा रही है। अब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी इस ज्ञानवापी के मुद्दे पर टिप्पड़ी की और कहा ज्ञानवापी का मुद्दा चल रहा है। इतिहास तो है जिसे हम बदल नहीं सकते। इसे न आज के हिंदुओं ने बनाया और न ही आज के मुसलमानों ने, ये उस समय घटा। हमलावरों के जरिए इस्लाम बाहर से आया था। उन हमलों में भारत की आजादी चाहने वालों का मनोबल गिराने के लिए देवस्थानों को तोड़ा गया: मोहन भागवत ने आगे कहा जहां हिंदुओं की भक्ति है, वहां मुद्दे उठाए गए। हिंदू मुसलमानों के खिलाफ नहीं सोचते, मुसलमानों के पूर्वज भी हिंदू थे। यह उन्हें हमेशा के लिए स्वतंत्रता से दूर और मनोबल दबाने के लिए किया गया था, इसलिए हिंदुओं को लगता है कि (धार्मिक स्थल) को पुनर्स्थापित किया जाना चाहिए। RSS प्रमुख ने कहा की मन में कोई मुद्दे हों तो उठ जाते हैं।

यह किसी के खिलाफ नहीं है। इसे ऐसा नहीं माना जाना चाहिए। मुसलमानों को ऐसा नहीं मानना ​​चाहिए और हिंदुओं को भी ऐसा नहीं करना चाहिए। कुछ ऐसा है तो आपसी सहमति से रास्ता खोजें लेकिन हर बार रास्ता नहीं निकल सकता, जिसके कारण लोग अदालत जाते हैं और अगर ऐसा किया जाता है तो अदालत जो भी फैसला करे उसे स्वीकार करना चाहिए। हमें अपनी न्यायिक प्रणाली को पवित्र और सर्वोच्च मानते हुए फैसलों का पालन करना चाहिए। हमें इसके फैसलों पर सवाल नहीं उठाना चाहिए।आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा की क्या हम 'विश्वविजेता' बनना चाहते हैं? नहीं, हमारी ऐसी कोई आकांक्षा नहीं है। हमें किसी को जीतना नहीं है। हमें सबको जोड़ना है। संघ भी सबको जोड़ने का काम करता है जीतने के लिए नहीं। भारत किसी को जीतने के लिए नहीं बल्कि सभी को जोड़ने के लिए अस्तित्व में है.हर मस्जिद में शिवलिंग देखने की जरूरत नहीं ,ज्ञानवापी पर कोर्ट का फैसला सभी को मानना ​​चाहिए:


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