किसान आंदोलन पर SC की तल्ख टिप्पणी, आंदोलन के नाम पर शहर का गला नहीं घोंट सकते आंदोलनजीवि

Update: 2021-10-01 07:37 GMT

कृषि कानूनो के विरोध के नाम पर बीजेपी का विरोध कर रहे एजेंडाधारी राकेश टिकैत और उनकी गैंग को बड़ा झटका लगा है। किसान महापंचायत के नाम पर शहर शहर जाकर लोगो की परेशानी बढा रहे इन एजेंडाधारियो को सुप्रीम कोर्ट ने कडी फटकार लगाते हुए तल्ख टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'आप पहले ही शहर का गला घोंट चुके हैं और अब आप शहर में प्रवेश करना करना चाहते हैं? 

बता दें कि किसान महापंचायत संगठन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें जंतर मंतर पर सत्याग्रह की इजाजत मांगी गई थी। याचिका में यह कहा गया था कि जिस तरह से संयुक्त किसान मोर्चा को किसान संसद चलाने की इजाजत दी गई थी इन्हे भी इजाजत मिलनी चाहिए। 


जिस पर सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई हुई न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई करते हुए टिकैत एंड गैंग को कड़ी फटकार लगाई कोर्ट ने कहा कि जब आप कानूनों को चुनौती देने के लिए अदालतों का दरवाजा खटखटाते हैं, तो विरोध जारी रखने का क्या मतलब है। अगर आपको अदालतों में विश्वास है, तो विरोध करने के बजाय तत्काल सुनवाई के लिए आगे बढ़ें। "

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आम जनता को असुविधा पहुंचाने वाले प्रदर्शनकारियों पर भी आपत्ति जताई। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की बेंच ने कहा कि "आपने शहर का गला घोंट दिया है और अब आप शहर के अंदर आकर विरोध करना चाहते हैं। यह मनाना बंद होना चाहिए। आपने राजमार्गों और सड़कों को अवरुद्ध कर दिया है।" कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रदर्शनकारी संपत्ति को नष्ट कर रहे हैं और सुरक्षा कर्मियों को परेशान करते भी देखे गए। "यह पूरे मीडिया में था," कोर्ट ने टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि आपको विरोध करने का अधिकार है। लेकिन आप संपत्ति को नष्ट नहीं कर सकते। यह धंधा बंद होना चाहिए।


वही  याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता अजय चौधरी ने कहा कि किसानों ने नहीं बल्कि पुलिस कर्मियों ने राजमार्गों को अवरुद्ध किया है।उन्होंने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता संघ विरोध का हिस्सा नहीं है। इसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता से इस आशय का एक हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा कि वह विरोध प्रदर्शन में भाग नहीं ले रहा है। अब इस मामले की फिर से सुनवाई सोमवार, 4 अक्टूबर को होगी।

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