आंदोलजीवियो के सर्मथन में उतरे एनसीपी प्रमुख शरद पवार, कहा- 'चुनावों के चलते लिया ये फैसला'

Update: 2021-11-25 10:15 GMT

केन्द्र सरकार ने तीनो कृषि कानूनो को निरस्त करने का फैसला ले लिया। तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की ओर केन्द्र सरकार ने पहला कदम भी बढ़ा दिया है। कानून वापसी का प्रस्ताव मोदी कैबिनेट से मंजूर हो गया है। और शीतकालीन सत्र में इसे निरस्त कर दिया जाएगा लेकिन आंदोलनजीवि आंदोलन खत्म करने के मूड में नही है। अब राकेश टिकैत से लेकर तमाम एजेंडाधारी लोग अब इस आंदोलन को जारी रखने की अलग ही तरकीब खोज रहे है। 

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि केन्द्र सरकार ने आने वाले चुनावों की पृष्ठभूमि में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला लिया है। पवार ने दावा किया कि अगर संसद में तीन विधेयकों को पारित करने से पहले राज्यों और किसानों  को विश्वास में लिया जाता तो आज स्थिति अलग हो सकती थी। बता दें कि किसानों के विरोध के चलते सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला लिया है। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दी।

इस दौरान शरद पवार की ओर से यह भी कहा गया कि 'मेरा दृढ़ मत है कि यह महाराष्ट्र सरकार अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगी। अगर वे (एमवीए) अगला चुनाव एक साथ लड़ते हैं, तो वे फिर से सत्ता में आएंगे।'


लेकिन इसके साथ साथ महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि कृषि क़ानूनों को रद्द करने का ऐलान किया गया और आज कैबिनेट में भी फैसला हो गया लेकिन किसानों की मांग है कि MSP के लिए क़ानून बनाया जाए। 700 किसानों की मौत हुई उन्हें मुआवज़ा दिया जाए। सिर्फ 3 कानून वापस ले लेने से किसान का समाधान नहीं होगा। 




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