डिप्टी CM फडणवीस ने मेट्रो कारशेड प्रोजेक्ट को ट्रांसफर करने के दिए निर्देश,आदित्य ठाकरे बोले - फैसले पर पुनर्विचार करे नई सरकार

Update: 2022-07-03 10:18 GMT

महाराष्‍ट्र में शिंदे सरकार बनने के बाद अब उद्धव ठाकरे सरकार में लिए गए फैसलों को बदलने की कवायद शुरू हो गई है। सबसे पहले शुरुआत आरे में मेट्रो कारशेड बनाने को लेकर की गई है। दरअसल, महाराष्ट्र के नए डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पद संभालते ही मेट्रो कार शेड को आरे कॉलोनी में ट्रांसफर करने के लिए निर्देश दिए हैं। जिसके बाद एक बार फिर बीजेपी - शिवसेना आमने सामने आ गई है। 

शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे ने शिंदे सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करने की सलाह दी है। आदित्य ठाकरे ने कहा है कि नई सरकार को अपना गुस्सा हम पर उतारना चाहिए, मुंबई पर नहीं डालना चाहिए। मैं नई सरकार से अनुरोध करता हूं कि मेट्रो कार को मुंबई में ही बंद होने दें और यहां के जंगलों को नुकसान न पहुंचाए। 

साथ ही महाराष्‍ट्र के पूर्व मंत्री और श‍िवसेना व‍िधायक आद‍ित्‍य ठाकरे ने प्रदर्शन का समर्थन क‍िया। उन्‍होंने कहा क‍ि मुझे आज राज्य विधानसभा की बैठक में ह‍िस्‍सा लेना है इसलिए मैं आरे वन और MMRCL भूमि विरोध में हिस्सा नहीं ले पाऊंगा। मैं विनम्रतापूर्वक नई सरकार से अपने फैसले पर फ‍िर से व‍िचार करने का अनुरोध करता हूं।

रविवार को शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने सिलसिलेवार तरीक से ट्वीट किया उन्होने लिखा कि आरे के जंगल में केवल 2700+ पेड़ नहीं हैं। यह जैव विविधता के बारे में है जिसे हम अपने मुंबई में संरक्षित करना चाहते हैं। मेट्रो कारशेड और उसके आसपास तेंदुओं और अन्य छोटी प्रजातियों के दैनिक दर्शन होते हैं। उन्होंने कहा, शिवसेना को आरे के जंगल के चारों ओर 800 एकड़ से अधिक भूभाग को जंगल घोषित करने पर गर्व है।


आदि‍त्‍य ठाकरे ने कहा क‍ि कारशेड के काम पर तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे जी ने स्टे दिया था, वहीं लाइन 3 पर काम को पूरा करने के लिए समर्थन किया गया था। कांजुरमार्ग को ऑप्‍शन के तौर द‍िया था। केंद्र सरकार की ओर से मेट्रो लाइनों के लिए डिपो में 3,4,6,14 1 स्थान में फिट होगा, इस प्रकार लागत और समय की बचत होगी।

बता दें कि मुंबईकरों को ट्रैफिक समस्या से निजात दिलाने के लिए मेट्रो के काम को गति देने का फैसला फडणवीस ने तब लिया था, जब वे राज्य के मुख्यमंत्री थे। उस वक्त सत्ता में बीजेपी के साथ शिवसेना शामिल थी। मेट्रो कारशेड आरे में बनाने का जब निर्णय लिया गया, तब शिवसेना ने दबे स्वर में विरोध किया। उसी दरमियान पर्यावरण एक्टिविस्ट मैदान में कूद पड़े। इससे शिवसेना खुलकर विरोध करने पर उतर गई जिसका नेतृत्व युवा नेता आदित्य ठाकरे कर रहे थे।

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