लखीमपुर हिंसा के बाद सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन पर उठाए सवाल, कहा जब कानूनों के अमल पर रोक है तो विरोध किस बात का

मामला लंबित रहने के बावजूद किसान कैसे कर सकते हैं विरोध- सुप्रीम कोर्ट

Update: 2021-10-04 08:24 GMT

लखीमपुर हिंसा के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फिर किसान आंदोलन पर सवाल उठाए हैं और पूछा है कि जब मामला कोर्ट में लंबित है तो किस आधार पर इस तरीके का विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है, सुप्रीम कोर्ट ने किसान संगठनों से कोर्ट ने पूछा कि जब कानूनों के अमल पर रोक है तो विरोध किस बात का। साथ ही कहा कि कोर्ट के सामने मामला लंबित रहते याचिकाकर्ता विरोध कैसे कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ये तय करेगा कि विरोध का अधिकार संपूर्ण अधिकार है या नहीं, इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए ये भी कहा कि जब किसी की जान चली जाती है या प्रॉपर्टी डैमेज हो जाता है तो कोई भी जिम्मेदारी लेने के लिए सामने नहीं आता।

आपको बता दें रविवार को लखीमपुर खीरी में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम के दौरान बीजेपी नेताओं के काफिले पर हमला किया गया जिससे गाड़ी अनियंत्रित होने की वजह से गाड़ी हादसे में तीन किसानों की मौत हो गई थी जिसके बाद घात लगाए बैठे किसानों के रूप में खालिस्तानियों ने जमकर हंगामा किया लाठी डंडों से बीजेपी कार्यकर्ताओं और काफिले के ड्राईवर को पीट पीट कर हत्या कर दी जिसके बाद से ही तमाम विपक्षी नेताओं ने अपनी गिद्ध वाली राजनीति भी शुरू कर दी है। हालाकि प्रियंका गांधी को सबसे पहले हिरासत में लेने के बाद अखिलेश यादव को भी हिरासत में लिया गया है तो वहीं प्रमोद तिवारी, शिवपाल यादव और सलमान खुर्शीद को हाउस अरेस्ट पर रखा गया है ।

हालाकि सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्ती से इस हिंसा से निपटने का आदेश देते हुए किसी को भी बहकावे न आने की अपील की है, सीएम कल रात से ही इस हिंसात्मक घटना पर नजर बनाए हुए हैं वहीं हिंसा को लेकर आज भी सीएम योगी ने एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई जिसमें लखीमपुर हिंसा से निपटने को लेकर रणनीति बनाई गई है ।

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