अग्निपथ पर हो रहे प्रदर्शन के बीच बोले NSA अजित डोभाल, भविष्य की तैयारी के लिए जरूरी है 'अग्निपथ योजना', युवाओं को दिया ख़ास सन्देश

Update: 2022-06-21 12:58 GMT

राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने कहा है आर्म्‍ड फोर्सेज की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव 'जरूरत' के चलते हुआ है। 'अग्निपथ' योजना पर डोभाल का कहना था कि 'अगर हमें कल के लिए तैयारी करनी है तो हमें बदलना ही होगा।

NSA ने न्‍यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्‍यू में कहा कि अग्निपथ कोई 'स्‍टैंडअलोन' योजना नहीं है। उन्‍होंने योजना से जुड़ी कई भ्रांतियों को दूर करने की कोशिश की। डोभाल ने कहा क‍ि 'सेना में चार साल बिताने के बाद अग्निवीर जब वापस जाएगा तो वह स्किल्‍ड और ट्रेन्‍ड होगा। वह समाज में सामान्‍य नागरिक की तुलना में कहीं ज्‍यादा योगदान कर पाएगा।' ट्रेनिंग पर बात करते हुए डोभाल ने कहा कि 'अग्निवीर कभी पूरी सेना तो बनेंगे नहीं। जो अग्निवीर रेगुलर आर्मी में जाएंगे, उनकी कड़ी ट्रेनिंग होगी, अनुभव हासिल करने के लिए वक्‍त मिलेगा।' डोभाल ने कहा कि 'पहला अग्निवीर जब रिटायर होगा तो 25 साल का होगा। उस वक्‍त भारत की इकनॉमी 5 ट्रिलियन डॉलर की होगी।' NSA ने कहा कि तेजी से बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था को ऐसे लोग चाहिए होंगे।

NSA के अनुसार, 'अग्निपथ' से युवाओं को बेहद कम उम्र में इतना अनुभव हासिल होगा, उनकी स्किल्‍स डिवेलप होंगी। 25 साल की उम्र में वे सामान्‍य नागरिकों से कहीं ज्यादा योग्‍य और प्रशिक्षित होंगे। डोभाल ने कहा कि 'सेवा से बाहर होने के बाद अग्निवीर देश के अलग-अलग हिस्‍सों में जाएंगे। उनमें सेना का जूनून और जज्‍बा कूट-कूटकर भरा होगा। ये लोग बदलाव के वाहक बनेंगे।'

वही नई भर्ती योजना के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हुए। डोभाल ने कहा क‍ि बदलाव आता है तो ऐसा होता ही है, घबराहट होती है। NSA ने कहा कि ऐलान के बाद से धीरे-धीरे युवाओं को समझ आने लगा है कि ये तो उनके फायदे की बात है। युवाओं के जो भय और आकांक्षाएं हैं, वो दूर हो जाएंगे।

वही उन्होंने ये भी कहा की दो तरह के प्रदर्शन हो रहे हैं, एक तो वे हैं जिन्हें चिंता है, उन्होंने देश की सेवा भी की है..य जब भी कोई बदलाव आता है कुछ चिंताएं उसके साथ आती हैं। हम इसे समझ सकते हैं। जैसे-जैसे उन्हें पूरी बात का पता चल रहा है वे समझ रहे हैं। जो दूसरा वर्ग है उन्हें न राष्ट्र से कोई मतलब है, न राष्ट्र की सुरक्षा से मतलब है। वे समाज में टकराव पैदा करना चाहते हैं। वे ट्रेन जलाते हैं, पथराव करते हैं, प्रदर्शन करते हैं। वे लोगों को भटकाना चाहते हैं। साथ ही डोभाल ने कहा क‍ि एक दूसरा वर्ग है जिसे देश की शांति, सुरक्षा से कोई मतलब नहीं है। वे बस ऐसे मुद्दे ढूंढ़ते हैं जहां भावुकता को बढ़ावा दिया जा सकता है। जो अग्निवीर बनना चाहते हैं, वो इस तरह हिंसा नहीं करते। बकौल NSA, 'कुछ लोग जिनके पश्चिमी हित हैं, कोचिंग चला रहे हैं, हमें अंदाजा था कि ऐसा होगा। लेकिन एक बार उन्‍होंने प्रदर्शन की हदें पार कीं, राष्‍ट्रीय सुरक्षा और कानून-व्‍यवज्ञस्था के लिए खतरा बनने लगे, सख्‍ती करनी पड़ेगी।' डोभाल ने कहा कि लोकतंत्र में विरोध की इजाजत है, अराजकता की नहीं।

बता दे, जब अजित डोभाल से पूछा गया कि जिस तरह से कृषि कानून, CAA को लेकर जिस तरह से विरोध हुए उसके समक्ष सरकार को झुकना पड़ा था। क्या अग्निपथ योजना के रोलबैक की संभावना है? तो उन्होंने कहा, "रोलबैक का कोई सवाल ही नहीं है। ये निर्णय एक रात में नहीं लिया गया है। दशकों की बहस और चर्चा के बाद ये निर्णय लिया गया है।" उन्होंने आगे कहा कि "जहां तक रेजीमेंट का सवाल है, दो बातें समझने की जरूरत है। कोई भी रेजीमेंटसिस्टम से कोई छेड़छाड़ नहीं किया जा रहा, वे (रेजिमेंट) जारी रहेंगे...रेजिमेंट सिस्टम खत्म नहीं हुआ है।"

उन्होंने कहा, "अग्निपथ को ऐसे ही नहीं लाया गया है। 2014 में जब पीएम मोदी सत्ता में आए, तो उनकी प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक भारत को सुरक्षित और मजबूत बनाना था। इसके लिए कई रास्ते, कई कदम उठाने की आवश्यकता थी।" उन्होंने स्पष्ट कहा, "हम अपने विरोधी की पसंद पर शांति स्थापित या युद्ध नहीं कर सकते। अगर हमें अपने हितों की रक्षा करनी है, तो हम तय करेंगे कि कब और किसके साथ और किन शर्तों पर शांति की बात होगी।" उन्होंने ये भी कहा कि अदृश्य दुश्मनों का सामना करने और भविष्य की रणनीति के लिए ये आवश्यक है कि देश के युवा फिट और चुस्त हो

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