भारत की G-20 अध्यक्षता के बीच तुर्की ने कश्मीर पर नियुक्त की कमेटी, पाकिस्तान से मिला सर्मथन कहा - धन्यवाद

Update: 2023-01-23 11:49 GMT

अंतराष्ट्रीय मंच पर भारत को बदनाम करने के लिए भारत में बैठी कुछ देश विरोधी ताकते और कुछ ऐसे देश जिसे भारत की तरक्की पच नहीं रही है वो नए- नए तरीके अपना रहे है। फिर चाहें बात बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की जाए, ओआईसी की वाहियात बयानबाजियो की या फिर पाक - चीन जैसे देशो के खिलाफ नापाक साजिशो की।

अब इन सब के बाद तुर्की की संसद ने भारत को खुली चुनौती देते हुए इस सप्ताह कश्मीर पर एक आधिकारिक समिति नियुक्त करने का फैसला किया है। दरअसल तुर्की की संसद ने बीते कुछ दिन पहले एक स्पेशल सेशन बुलाया। जिसमें इस बात पर चर्चा नहीं हुई कि तुर्की की अर्थव्यवस्था जो लगातार गर्त में जा रही है उसे कैसे ठीक किया जाए। बल्कि इस बात पर चर्चा के लिए ये स्पेशल सेशन बुलाया गया कि तुर्की से 4,636 किलोमीटर दूर एक देश में मुसलमानों पर ज्यादती हो रही है।

इस स्पेशल सेशन में तय किया गया कि भारत में कश्मीर की आवाज उठाने के लिए एक कमिटी बनाई जाए। जब यह खबर पाकिस्तान पहुंची तो राजनीतिक हलकानों में खुशी का ठिकाना ना रहा। फिर तुर्की को धन्यवाद देने का दौर चल पड़ा।

लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर कश्मीर की चिंता तुर्की को क्यों हो रही है?  तुर्की अपने देश में महंगाई की मार खा रहे, तंगहाली में जी रहे मुसलमानों को छोड़ कश्मीर के पीछे क्यों लग गया है? देखिए इसके दो कारण हैं। पहला कि तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन खुद को सुन्नी संसार के नेता के रूप में देखते हैं। और दूसरा कारण- तुर्की मिडिल ईस्ट ही नहीं बल्कि पूरे मुस्लिम देशों का नेता बनने की हसरत रखता है।

दरअसल भारत  लगातार महत्वपूर्ण ग्लोबल सम्मेलनों का आयोजन कर रहा है।  भारत दुनिया भर में प्रतिष्ठा पा चुके वैश्विक संगठन G-20 की अध्यक्षता कर रहा है और जोरशोर से इस साल शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। और यही बात इस्लामिक देशों के एक धड़े को दरअसल खटक रही है। ये हैं तुर्की और पाकिस्तान।

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