उत्तर प्रदेश में कांवड़ियों पर फूल बरसाए जाने पर असदुद्दीन ओवैसी ने उठाया सवाल, कहा - यह 'रेवड़ी कल्चर' नहीं है?

उत्तर प्रदेश में कांवड़ियों पर फूल बरसाए जाने पर असदुद्दीन ओवैसी ने उठाया सवाल, कहा - यह 'रेवड़ी कल्चर' नहीं है?

Update: 2022-07-27 12:40 GMT

  उत्तर प्रदेश में कांवड़ियों पर फूल बरसाए जाने और प्रशासन की ओर से स्वागत करने पर असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाया है और एक के बाद एक कई टवीट किए है और कहा की पुलिस ने पंखुड़ियां बौछार कीं, कांवड़ियों का झंडों से "इस्तक़बाल" किया, उनके पैरों पर लोशन लगाया और उनके साथ इंतेहाई शफ़क़त से पेश आए। दिल्ली पुलिस ने लोहारों को हटाने की बात की, ताकि कांवड़िया नाराज़ न हो जाएं, उ.प्र हुकूमत ने यात्रा के रास्तों पर गोश्त पर पाबंदी लगा दी।ओवैसी ने पूछा की यह 'रेवड़ी कल्चर' नहीं है?मुसलमान, खुली जगह पर चंद मिनट के लिए के नमाज़ भी अदा करे तो "बवाल" हो जाता है। मुसलमानों को सिर्फ मुसलमान होने की वजह से पुलिस की गोलियों, हिरासती तशद्दुद, NSA, UAPA, लिंचिंग, बुल्डोज़र और तोड़-फोड़ का सामना करना पड़ रहा है।कांवड़ियों के जज़्बात इतने मुतज़लज़ल हैं कि वे किसी मुसलमान पुलिस अहलकार का नाम भी बर्दाश्त नहीं कर सकते।यह भेद-भाव क्यों? यकसानियत नहीं होनी चाहिए? एक से नफ़रत और दूसरों से मोहब्बत क्यों? एक मज़हब के लिए ट्रैफिक डाइवर्ट और दूसरे के लिए बुलडोज़र क्यों। अगर इन पर फूल बरसा रहे हैं, तो कम से कम हमारे घर तो मत तोड़िए

यही नहीं एक चैनल को दिए इंटरव्यू में ओवैसी ने कहा की कांवड़ यात्रा पर आप टैक्स पेयर के पैसों से हेलीकॉप्टर से फूल बरसा रहे हैं। पुलिस के ऑफिसर उनके पैरों की मालिस कर रहे हैं। गाजियाबाद में आपने लोहार की दुकान को बंद करवा दिया। मेरठ के एक पुलिस स्टेशन में एक मुसलमान ऑफिसर का आपने नाम हटवा दिया अगर कोई चंद मिनट के लिए नमाज़ पढ़ता है तो पब्लिक पॉलिसी डिस्टर्ब हो रही है। मैं भाजपा से कहता हूं कि आप सबके साथ समान व्यवहार करें भेदभाव ना करें। अगर सबका साथ सबका विकास है तो हम पर फूल नहीं चढ़ाते हमारे घरों पर बूलडोजर चढ़ा देते हैं.

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