बांग्लादेश में हिंदुओ का नरसंहार, अमेरिका और यूएन ने की निंदा, ममता बनर्जी की चुप्पी पर उठे सवाल

Update: 2021-10-19 11:40 GMT

पूरे बांग्लादेश के अलग-अलग इलाकों में हिन्दूओ का नरसंहार हो रहा है। मुस्लिम कट्टरपंथियो ने पहले कुरान का अपमान किया गया यह अफवाह फैलाकर भीड़ ने पहले दुर्गा पूजा के पंडालों को ध्वस्त किया। उसके बाद से यह सिलासिला लगातार जारी है। मंदिरो को तोड़ा जा रहा है। अब हिन्दुओं के घरों को जलाया जा रहा है। कई बेघर हुए हैं। हिन्दू महिलाओं का बलात्कार हुआ है। एक दर्जन हिन्दुओं की हत्या कर दी गई है। 'वर्ल्ड हिन्दू फेडरेशन (WHF)' के बांग्लादेश चैप्टर द्वारा दिए गए आँकड़ों के अनुसार, 33 जिलों में 335 मंदिरों पर हमले हुए हैं।  यह आंकडे १३ से १७ अक्टूबर के बीच के लेकिन उसके बाद से लगातार वहा हिंदुओ को निशाना बनाया जा रहा है। 

जहां एक तरफ अमेरिका से लेकर संयुक्त राष्ट्र ने इन बयान जारी कर बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलो की निंदा की है। लेकिन वही दूसरी और भारत में बैठी कुछ विभाजनकारी ताकते और रोहिंग्याओ घुसपैठियो के जरिये वोट बैंक बढाने वाली राजनीतिक पार्टीयां इन हमलो की निंदा करने के बजाए या तो चुप्पी साधे हुए या फिर कट्टरपंथी मुस्लिमों का गुणगाण कर रहे है। 

बता दें कि  बांग्लादेश में दुर्गा पूजा और उसके बाद हिंदूओ पर हो रहे हमलो की रिर्पोट पर अमेरिका ने चिंता जाहिर करत हुए इन घटनाओं की निंदा की है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, 'धर्म की आजादी और आस्था का विषय मानवाधिकार से जुड़ा है। दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह किसी भी धर्म या आस्था को मानने वाला हो, उसे अपना अहम पर्व मनाने की आजादी होनी चाहिए। उसे महसूस होना चाहिए कि वह सुरक्षित है।' प्रवक्ता ने आगे कहा, 'विदेश मंत्रालय, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हाल में हुए हमलों की घटनाओं की निंदा करता है।'

इतना ही नही बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को निशाना बनाए जाने पर संयुक्त राष्ट्र ने भी बयान जारी किया है। बांग्लादेश में यूएन के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर मिया सेप्पो ने सोमवार को बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की। सेप्पो ने हमले की घटनाओं की निष्पक्ष जांच की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि हिंदू समुदाय पर हमले संविधान के मूल्यों के खिलाफ है और इसे रोकने की जरूरत है। 

लेकिन वही दूसरी तरफ वकील प्रशांत भूषण ने हमलों को अंजाम देने वाले कट्टरपंथी मुस्लिमों की भूमिका को नजरअंदाज करते हुए पूरे मामले में ही लीपापोती कर दी है। प्रशांत भूषण बांग्लादेश में मुस्लिमों द्वारा किए गए जघन्य अपराधों को गायब करते हुए उन्हें मसीहा साबित करने के लिए 'द लाइव टीवी' नाम के एक प्रोपेगेंडा चैनल का बड़ी म्हणत से खोजकर एक ऐसा वीडियो साझा किया, जिसमें यह झूठा दावा किया गया, "बांग्लादेश के लाखों बहुसंख्यक मुसलमान हिंदुओं की रक्षा में सड़कों पर उतर आए।"  वही बांग्लादेश में हिंदुओ के नरसंहार पर टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की चुप्पी भी सवालो के घेरे में है। जो पीएम के बांग्लादेश के दौरे पर सवाल उठाते हुए कहती है कि वोट बैंक के लिए वहां जा रहे है। 

तसलीमा नसरीन ने कहा कि हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के कारण बांग्लादेश "जिहादिस्तान" बन गया है, यह देखते हुए कि मदरसे कट्टरवाद के लिए प्रजनन आधार हैं। उन्होंने शेख हसीना सरकार पर राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का शोषण करने का भी आरोप लगाया। लेखक के अनुसार बांग्लादेश में बौद्ध और हिंदू 'तीसरे दर्जे के नागरिक' बन गए हैं और हिंदू विरोधी मानसिकता दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।





  


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