रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी ने शुरू किया 11 दिन का 'विशेष अनुष्ठान', कहा- मैं भावुक हूँ

Update: 2024-01-12 09:36 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या की राम जन्मभूमि पर बन रहे राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आज से विशेष अनुष्ठान शुरू कर दिया है. यह अनुष्ठान पूरे 11 दिन चलकर 22 जनवरी को पूरा होगा जब राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी. प्रधानमंत्री ने एक संदेश में कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वह इस पुण्य अवसर के साक्षी बनेंगे. इस पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी, आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि "यह अच्छा है वह प्रोटोकॉल जानते हैं और ऐसा कर रहे हैं. रामलला के प्रति इतना समर्पित होना उनके लिए अच्छा है.''

प्रधानमंत्री ने क्या कहा ?

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक विशेष ऑडियो संदेश जारी किया है. एक्स पर पोस्ट करते हुए पीएम मोदी ने लिखा, 'अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में केवल 11 दिन ही बचे हैं.मेरा सौभाग्य है कि मैं भी इस पुण्य अवसर का साक्षी बनूंगा.प्रभु ने मुझे प्राण प्रतिष्ठा के दौरान, सभी भारतवासियों का प्रतिनिधित्व करने का निमित्त बनाया है.इसे ध्यान में रखते हुए मैं आज से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहा हूं. मैं आप सभी जनता-जनार्दन से आशीर्वाद का आकांक्षी हूं.इस समय, अपनी भावनाओं को शब्दों में कह पाना बहुत मुश्किल है, लेकिन मैंने अपनी तरफ से एक प्रयास किया है.

मैं भावुक हूँ- पीएम मोदी 

वीडियो की शुरुआत पीएम मोदी 'राम-राम' कहते हुए करते हैं. पीएम मोदी आगे कहते हैं, 'जीवन के कुछ क्षण ईश्वरीय आशीर्वाद की वजह से ही यथार्थ में बदलते हैं. आज हम सभी भारतीयों के लिए, दुनियाभर में फैले रामभक्तों के लिए ऐसा ही पवित्र अवसर है. हर तरफ प्रभु श्रीराम की भक्ति का अद्भुत वातावरण है. चारों दिशाओं में राम नाम की धूम है. राम भजनों की अद्भुत सौन्दर्य माधुरी है. हर किसी को इंतजार है 22 जनवरी का, उस ऐतिहासिक पवित्र पल का.और अब अयोध्या में रामलला की की प्राण प्रतिष्ठा में केवल 11 दिन ही बचे हैं. मेरा सौभाग्य है कि मुझे भी इस पुण्य अवसर का साक्षी बनने का अवसर मिल रहा है.'

पीएम मोदी आगे कहते हैं, 'मेरे लिए कल्पनातीत अनुभूतियों का समय है. मैं भावुक हूं, भाव विह्वल हूं. मैं पहली बार जीवन में इस तरह के मनोभाव से गुजर रहा हू. मैं एक अलग ही भाव-भक्ति की अनुभूति कर रहा हूं. मेरे अंतर्मन की ये भाव यात्रा मेरे लिए अभिव्यक्ति का नहीं, अनुभूति का अवसर है.चाहते हुए भी मैं इसकी गहनता, व्यापकता और तीव्रता को शब्दों में बांध नहीं पा रहा हूं. आप भलि भांति मेरी स्थिति समझ सकते हैं.जिस स्वप्न को अनेकों पीढ़ियों ने वर्षों तक संकल्प की तरह अपने ह्रदय में जिया.मुझे उसकी सिद्धी के समय उपस्थित होने का सौभाग्य मिला है. प्रभु ने मुझे सभी भारतवासियों का प्रतिनिधित्व करने का निमित्त बनाया है.

प्रधानमंत्री क्यों कर रहे विशेष अनुष्ठान?

बता दें, शास्त्रों में देव प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा एक विशद एवं वृहद प्रक्रिया है. इसके लिए विस्तृत नियम बताए गए हैं जिनका प्राण प्रतिष्ठा के कई दिन पहले से पालन करना होता है. एक रामभक्त के रूप में प्रधानमंत्री जी राममंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा के प्रति एक आध्यात्मिक साधना के भाव से समर्पित हैं. उन्होंने तय किया कि अपनी तमाम व्यस्तताओं और जिम्मेदारियों के बावजूद वो प्राण प्रतिष्ठा के दिन और उसके पूर्व के सभी नियमों और तपश्चर्याओं को उतनी ही दृढ़ता के साथ पालन करेंगे, जैसा कि शास्त्रों में निर्देश दिया गया है.इसके लिए माननीय प्रधानमंत्री जी ने प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व 11 दिवसीय यम-नियम पालन का अनुष्ठान शुरू किया है.

देव प्रतिष्ठा को पार्थिव मूर्ति में ईश्वरीय चेतना के संचार का अनुष्ठान बताया गया है. इसके लिए शास्त्रों में अनुष्ठान से पूर्व व्रत के नियमों का निर्देश दिया गया है.प्रधानमंत्री जी अपनी दैनिक दिनचर्या में ब्रह्ममुहूर्त जागरण, साधना और सात्विक आहार जैसे नियमों का पालन तो अनवरत ही करते हैं. लेकिन, प्रधानमंत्री जी ने सभी 11 दिवसीय अनुष्ठान के तौर पर कठोर तपश्चर्या के साथ व्रत लेने का निर्णय किया है.

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