AAP के दंगाई पार्षद ताहिर हुसैन को बड़ा झटका, दिल्ली HC ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द करने से किया इनकार

Update: 2022-11-24 11:47 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली दंगों के आरोपी और आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की याचिका को खारिज कर दिया है। ताहिर हुसैन ने कड़कड़डूमा कोर्ट द्वारा UAPA के तहत आरोप तय करने के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। 

जस्टिस अनु मल्होत्रा ने आदेश सुनाया। कोर्ट ने 15 नवंबर को आदेश सुरक्षित रखा लिया था। अदालत ने पहले एडवोकेट नवीन मल्होत्रा, जिन्होंने ताहिर हुसैन का प्रतिनिधित्व किया था, और प्रवर्तन निदेशालय के वकील ज़ोहेब हुसैन को सुना था।

ताहिर हुसैन के खिलाफ इस महीने की शुरुआत में कड़कड़डूमा कोर्ट ने धारा 3 के तहत आरोप तय किए, जो धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 4 के तहत दंडनीय हैं। अदालत ने ये बात मानी है कि ताहिर हुसैन का मुख्य उद्देश्य हिंदुओं को नुकसान पहुंचाना था।

ताहिर हुसैन के वकील ने अदालत के सामने प्रस्तुत किया कि पीएमएलए के तहत अनुसूचित अपराधों से पैसा कमाना प्रमुख आवश्यकता है, इस मामले में ऐसा कोई घटक नहीं मिला। वकील ने यह भी कहा कि ताहिर हुसैन के पास से कोई संपत्ति या अपराध की आय जब्त नहीं की गई, जो उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप तय करने को सही ठहरा सके।

वहीं दूसरी ओर ईडी ने तर्क दिया कि ताहिर हुसैन द्वारा कथित रूप से इस्तेमाल किए गए बैंक खाते पीएमएलए की धारा 8(5) के अर्थ में संपत्ति होंगे, यह कहते हुए कि ऐसी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है। ईडी ने यह भी प्रस्तुत किया कि दंगों को वित्त पोषित करने के लिए कथित साजिश थी, जिसमें फर्जी बिल तैयार किए गए और बाद में अपराध करने के लिए विभिन्न व्यक्तियों को नकद दिया गया। यह भी तर्क दिया गया कि यह दिखाने के लिए पर्याप्त सामग्री है कि दंगों को निधि देने के लिए बड़ी साजिश को आगे बढ़ाने के लिए संपत्ति और अपराध की आय का उपयोग किया गया था।

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