बिहार में नीतीश-तेजस्वी सरकार को बड़ा झटका, पटना HC ने जातीय जनगणना पर लगाई रोक

Update: 2023-05-04 11:26 GMT

बिहार में जातीय जनगणना को लेकर घिरी नीतीश कुमार सरकार को पटना हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने जातीय जनगणना पर रोक लगा दी है। दरअसल बिहार में जातीय जनगणना पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है। पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में बिहार में 3 जुलाई, 2023 तक जातिगत जनगणना पर रोक लगा दी है।

मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की पीठ ने हाईकोर्ट में रोक लगाने की मांग वाली तीन याचिकाओं पर यह आदेश पारित किया। कोर्ट ने नीतीश सरकार को निर्देश दिया कि वह जाति आधारित सर्वेक्षण को तुरंत बंद करे और यह सुनिश्चित करे कि पहले से ही इकट्ठा किए गए डेटा को सुरक्षित रखा जाए और रिट याचिका में अंतिम आदेश पारित होने तक किसी के साथ साझा न किया जाए। जातिगत जनगणना का पहला चरण जनवरी में शुरू हुआ था। वर्तमान में दूसरा चरण चल रहा है। न्यायालय ने विशेष रूप से सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर विचार करने और मामले में रोक लगाने के लिए दायर अंतरिम आवेदन पर विचार करने के निर्देश पर सुनवाई की। 

आपको बता दें कि नीतीश कुमार सरकार लंबे समय से जातिगत जनगणना कराने के पक्ष में रही है। नीतीश सरकार ने 18 फरवरी 2019 और फिर 27 फरवरी 2020 को जातीय जनगणना का प्रस्ताव बिहार विधानसभा और विधान परिषद में पास करा चुकी है। हालांकि केंद्र सरकार इसके खिलाफ रही है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर साफ कर दिया था कि जातिगत जनगणना नहीं कराई जाएगी। केंद्र का कहना था कि ओबीसी जातियों की गिनती करना लंबा और कठिन काम है।

बिहार सरकार ने पिछले साल जातिगत जनगणना कराने का फैसला किया था। इसका काम जनवरी 2023 से शुरू हुआ था। इसे मई तक पूरा किया जाना था। लेकिन अब हाईकोर्ट ने इस पर 3 जुलाई तक रोक लगा दी है।

पटना हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि कोर्ट का निर्देष पढ़ने के बाद ही सरकार अपना अगला कदम उठाएगी। मगर ये जाति आधारित जनगणना नहीं था बल्कि सर्वे था, जो सरकार का कोई पहला सर्वे नहीं था। हमारी सरकार ये सर्वे कराने के लिए प्रतिबद्ध है। ये जनता के हित में था और जनता की मांग थी कि ये सर्वे होना चाहिए। तेजस्वी ने बीजेपी पर भी निशाना साधा कहा कि बीजेपी हमेशा गरीब विरोधी, आरक्षण विरोधी रही है। आज वह खुशी मना रही होगी। 

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