बीजेपी के 12 MLA को एक साल के लिए निलंबित करने पर SC ने उद्धव सरकार को लगाई फटकार, कहा- 'आज 12, कल 120 हो सकता है'

Update: 2022-01-12 08:04 GMT

महाराष्ट्र मेंं 12 बीजेपी विधायको के निलंबन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे सरकार को कडी फटकार लगाई है। कोर्ट ने बीजेपी विधायको के निलंबन को 'निष्कासन से भी बदतर' बताया है। सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति रवि कुमार की खंडपीठ ने विधानसभा द्वारा विधायकों के निलंबन के फैसले को संविधान के अनुच्छेद 190(4) के तहत 'असंवैधानिक' करार दिया है।

बता दें कि पिछले साल जुलाई में महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार ने बीजेपी के 12 विधायकों को एक साल के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया था। इस पूरे मामले में अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान बेंच ने उद्धव सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि अध्यक्ष द्वारा इस विवाद को सुलझाकर इस संकट से बचा जा सकता था। लेकिन ऐसा नही किया गया। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने उद्धव सरकार को याद दिलाया कि 12 निर्वाचन क्षेत्रों को इतने लंबे समय तक बिना प्रतिनिधित्व के नहीं रखा जा सकता है और इनको प्रतिनिधित्व का अधिकार है। पीठ ने महाराष्ट्र राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि इस तरह की मिसाल पेश करने से लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा। न्यायमूर्ति खानविलकर ने कहा, "आज यह 12 है, कल 120 हो सकता है।"

सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने महाराष्ट्र सरकार के अधिवक्ता और सीनियर एडवोकेट सी आर्यमा सुंदरम के तर्क को मानने से इनकार कर दिया और कहा कि वह एक विधानसभा द्वारा लगाए गए दंड की मात्रा की जांच नहीं कर सकती है।

बता दें कि महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की गठबंधन वाली महा विकास अघाड़ी की सरकार ने 5 जुलाई 2021 को भाजपा के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया था। महाराष्ट्र विधानसभा के दो दिवसीय मानसून सत्र शुरू हुआ था, उस दौरान भाजपा के इन विधायकों पर महाराष्ट्र विधानसभा के पीठासीन सभापति भास्कर जाधव के खिलाफ कथित तौर पर असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाकर यह ऐक्शन लिया गया था।

बीजेपी विधायक पराग अलवानी, राम सतपुते, संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भाटखलकर, शिरीष पिंपल, जयकुमार रावल, योगेश सागर, नारायण कुचे और कीर्ति कुमार बगडिया को सदन से निलंबित कर दिया गया था।

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