BJP नेता सुशील मोदी की मांग अदालतों की छुट्टियों में कटौती करने पर विचार करे सरकार, कहा - ब्रिटिश परंपरा को खत्म करे

Update: 2022-12-15 12:25 GMT

बीजेपी के नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी CM सुशील कुमार मोदी ने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में में वैकेशन का सिस्टम जजो की छुट्टियो पर सवाल उठाए है। उन्होने राज्यसभा में सरकार से मांग की है कि अदालतों की छुट्टियों में कटौती करने पर विचार किया जाए। सुशील मोदी ने कहा कि न्याय व्यवस्था में देरी होने और उसके खर्चीले होने की वजह से आम जनता का न्यायापालिका पर से भरोसा उठता जा रहा है।

 राज्यसभा में अंतरराष्ट्रीय माध्यस्थतम केंद्र संशोधन विधेयक, 2022 पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए सुशील मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में लाखों की संख्या में मामले लंबित हैं जबकि निचली अदालतों में 4 करोड़ से भी ज्यादा मामले लंबित हैं। उन्होने कहा कि न्याय व्यवस्था में देरी होने और उसके खर्चीले होने की वजह से आम जनता का न्यायापालिका पर से भरोसा उठता जा रहा है। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वैकेशन का सिस्टम है। हिंदुस्तान में कहीं भी वैकेशन का कोई प्रावधान नहीं है। अगर कोई आदमी काम करता है तो उसे साल में 50 या 60 छुट्टियां मिलती हैं और इसके प्रावधान हैं। लेकिन ऐसा नहीं होता कि सचिवालय महीने के लिए बंद कर दिया गया हो।' मोदी ने कहा कि भारत के अंदर एक ऐसे सिस्टम को स्वीकार कर लिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट गर्मियों में डेढ़ महीने और जाड़े में 20 दिन बंद रहेगा।

सुशील मोदी ने कहा कि आज देश के अंदर तमाम संस्थाएं, सारे कार्यालय 365 दिन काम करते हैं, और अगर किसी को छुट्टी चाहिए, यानी एक आदमी छुट्टी पर जाएगा तो दूसरा आदमी काम करेगा, अगर दूसरा आदमी छुट्टी पर जाएगा तो तीसरा आदमी काम करेगा। कहा जा सकता है कि ऐसे दिनों में वैकेशन वेंच काम करता है, लेकिन वैकेशन बेंच के जरिए कितना काम होता है, यह हम सब लोग जानते हैं।

उन्होंने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में ब्रिटिश परंपरा चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ऐसी चीजों को समाप्त करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि आजादी के पहले उस जमाने में जज अंग्रेज होते थे और उन्हें भारत की गर्मी बर्दाश्त नहीं होती थी। उन्होने कहा कि वैकेशन वैकेट यानी छुट्टियों की छुट्टी करो। छुट्टियों के लिए छुट्टी की आवश्यकता नहीं है।

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