महाराष्ट्र के सियासी संकट पर बीजेपी का बड़ा बयान, चंद्रकांत पाटिल ने कहा -सत्ता परिवर्तन के बारे में कुछ नहीं जानती BJP

Update: 2022-06-25 08:24 GMT

महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापठक के बीच उद्धव सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे है। एकनाथ शिंदे के बगावत के बाद अब बीजेपी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। और उद्धव सरकार के अपने आप ही गिरने का इंतजार कर रही है। बीजेपी किसी भी दशा में उद्धव सरकार गिराने का आरोप नहीं लेना चाहती। बीजेपी ने साफतौर पर कहा है कि इस विद्रोह से उसका कोई लेना-देना नहीं है, यह शिवसेना का आंतरिक मामला है।

दरअसल महाराष्ट्र बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कोल्हापुर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे की भूमिका के कारण, भारतीय जनता पार्टी का शिवसेना और राज्य में चल रहे राजनीतिक विकास से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी ने भी बीजेपी को सत्ता में आने का प्रस्ताव नहीं दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी का फैसला प्रक्रिया के मुताबिक राज्य कोर कमेटी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कर अपनी भूमिका तय करती है और केंद्रीय नेतृत्व को सिफारिशें देती है।

इसके बाद पार्टी का केंद्रीय संसदीय बोर्ड अंतिम फैसला करता है। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने बीजेपी पर शिवसेना के दो तिहाई से ज्यादा विधायकों से अलग रुख अपनाने का आरोप लगाया है। शरद पवार भी हैं। उसी के अनुरूप वे अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। भाजपा महाविकास अघाड़ी सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश नहीं करेगी। हालांकि, उन्होंने संवाददाताओं को याद दिलाया कि उन्होंने बार-बार कहा था कि आंतरिक कलह के कारण सरकार गिर जाएगी।

बता दें कि इस संकट के लिए शिवसेना नेता भले ही बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, लेकिन वह चुप है। बीजेपी खुलकर सामने आने के बजाय वेट एंड वॉच मोड में है। बीजेपी साल 2019 में एनसीपी नेता अजित पवार के साथ जल्दबाजी में सरकार बनाकर गच्चा खा चुकी है, जिसके चलते इस बार किसी तरह की कोई जल्दबाजी नहीं दिखा रही हैं।

वहीं दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे और बीजेपी पर निशाना साधा है उन्होने कहा है कि कुछ दिन पहले मुझे शक हुआ तो मैंने एकनाथ शिंदे को फोन किया और कहा, शिवसेना को आगे ले जाने का अपना कर्तव्य निभाओ, ऐसा करना सही नहीं है। उन्होंने मुझसे कहा NCP-कांग्रेस हमें खत्म करने की कोशिश कर रही है और विधायक चाहते हैं कि हम BJP के साथ जाएं।

फिलहाल सबकी निगाहें इस पर टिकी हुई है कि इस महा संकट के बीच शिवसेना से बगावत कर चुके नेता एकनाथ शिंदे अगला कदम क्या उठाऐगे। 

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