चंडीगढ़ को लेकर हरियाणा और पंजाब में बढ़ी तकरार, खट्टर सरकार ने बुलाया विधानसभा का विशेष सत्र

Update: 2022-04-04 08:14 GMT

पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ को लेकर सियासी बवाल शुरु हो गया है। केन्द्र सरकार की एक नोटिफिकेशन ने खट्टर और भगवंत मान सरकार के बीच टकराव बढ़ा दिया है।  चंडीगढ़ पर किसका अधिकार है? पंजाब या हरियाणा। ये सवाल अब दोनों राज्यों के लिए बड़ा हो गया है।

भगवंत मान की सरकार ने विधानसभा में चंडीगढ़ को सिर्फ पंजाब की राजधानी बनाने को लेकर प्रस्ताव पास किया है। पंजाब सरकार के इस फैसले पर हरियाणा सरकार की ओर से आपत्ति दर्ज करवाई गई है। हरियाणा के तमाम राजनीतिक दलों ने आम आदमी पार्टी की सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। इतना ही नहीं हरियाणा सरकार की ओर से पांच अप्रैल को विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाया है।

हरियाणा के परिवहन मंत्री मूल चंद शर्मा ने जानकारी दी कि एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाने का फैसला मंत्रिपरिषद की एक बैठक में लिया गया। इस बैठक की अध्यक्षता हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने  की। 

बता दें कि चंडीगढ़ पर अधिकार को लेकर पंजाब और हरियाणा में अक्सर तकरार देखने को मिली है लेकिन केन्द्रीय मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद यह तकरार अब और ज्यादा बढ़ चुकी है। अमित शाह ने वहां पहुंचकर चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर केंद्रीय सर्विस नियम लागू करने की घोषणा कर दी। अगले दिन इसका नोटिफिकेशन भी हो गया।

जिसके बाद पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने स्पेशल सेशन बुलाकर विधानसभा में प्रस्ताव पास कर दिया। हालाकि हरियाणा के CM मनोहर लाल खट्‌टर पंजाब के सीएम भगवंत मान के फैसले को एकतरफा करार दे चुके हैं। उनका कहना है कि हर मुद्दे का हल बातचीत से निकाला जा सकता है। इस तरह एकतरफा फैसला लेना निंदनीय है। अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान को हरियाणा से माफी मांगनी चाहिए। ऐसे फैसलों की लोकतंत्र में कोई जगह नहीं है। उनका कहना है कि चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी है और बनी रहेगी। इसके अलावा भी कई मुद्दे हैं, जिन पर बातचीत होनी चाहिए।

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