CM योगी को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, 2007 के हेट स्पीच मामले में अब नहीं चलेगा मुकदमा

Update: 2022-08-26 09:22 GMT

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। साल 2007 में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में योगी आदित्यनाथ पर मुकदमा चलाने की जो मांग की गई थी उसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इससे पहले यूपी सरकार ने मई 2017 में इस आधार पर अनुमति से मना कर दिया था कि मुकदमे में सबूत नाकाफी हैं।



इससे पहले 24 अगस्त को इस मामले में चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा कथित भड़काऊ भाषण की जांच की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया गया था।

वहीं इस मामले में सुनवाई के आखिर में याचिकाकर्ता के वकील कपिल सिब्बल ने इस केस को बीच में ही छोड़ दिया उन्होने बहस करने में असमर्थता जताई। पीठ भी सिब्बल के मामले से हटने पर सहमत हो गई। उसने याचिकाकर्ता के मामले को स्थगित करने के अनुरोध को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। कपिल सिब्बल के बाद इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट फुजैल अहमद अय्यूबी ने तर्क दिए। 

क्या था पूरा मामला?

बता दें कि 11 साल पहले 27 जनवरी 2007 को गोरखपुर में सांप्रदायिक दंगा हुआ था। इस दंगे में दो लोगों की मौत और कई लोग घायल हुए थे. इस दंगे के लिए तत्कालीन सांसद व मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ, विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल और गोरखपुर की तत्कालीन मेयर अंजू चौधरी पर भड़काऊ भाषण देने और दंगा भड़काने का आरोप लगा था। कहा गया था कि इनके भड़काऊ भाषण के बाद ही दंगा भड़का था। जिसमें तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ और अन्य नेताओं के खिलाफ धारा 153, 153ए, 153बी, 295, 295बी, 147, 143, 395, 436, 435, 302, 427, 452 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया।

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