गीता प्रेस मामले पर CM योगी का कांग्रेस पर वार, कहा - एक्सीडेंटल हिंदू नहीं पचा पा रहे सम्मान

Update: 2023-06-20 09:42 GMT

मोदी सरकार ने गीता प्रेस को गांधी पीस प्राइज देने का फैसला किया। जिसको लेकर राजनीतिक बवाल शुरु हो गया। कांग्रेस ने इसका विरोध किया और कहा कि ये गोडसे और सावरकर को सम्मान देने जैसा है। लेकिन अब इस मामले को लेकर अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पार्टी पर बड़ा हमला बोला है। CM योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस का नाम लिए बगैर कहा कि गीता प्रेस को जो सम्मान मिला है उसे एक्सीडेंटल हिंदु के वंशज पचा नहीं पा रहे है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बलरामपुर में अपने भाषण के दौरान किसी का नाम लिए बगैर कहा कि गीता प्रेस को मिले सम्मान को एक्सीडेंटल हिंदू के वंशज पचा नहीं पा रहे हैं। उन्होने कहा कि गीता प्रेस को मिला यह सम्मान 100 करोड़ हिंदूओं का सम्मान है। उन्होने कहा कि गीता प्रेस एक सदी से सनातन हिंदू धर्म की सेवा कर रहा है। सनातन हिंदू धर्म इसका मार्ग प्रशस्त करता है। मानवता का कल्याण। यह गौरव का विषय है कि इसके प्रकाशन के मुख्य केन्द्र को गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला किया गया।

योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस अपनी विरासत के प्रति जिस तरह का गंदा रवैया अपना रही है वो बेहद बेशर्मी की बात है। गीता प्रेस पिछले 100 वर्षों से धार्मिक साहित्य का प्रकाशन कर रहा है। गीता, वेद, रामायण, रामचरितमानस सहित सभी प्रकार के धार्मिक साहित्य के प्रकाशन का यह मुख्य केंद्र रहा है, बिना किसी सरकारी सहयोग के,सस्ते दाम पर।

गीता प्रेस दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है जिसकी स्थापना 1923 में हुई। जिसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकें प्रकाशित की हैं, जिनमें 16.21 करोड़ श्रीमद भगवद गीता शामिल हैं।

संस्कृति मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली ज्यूरी ने सर्वसम्मति से गांधी शांति पुरस्कार के लिए गीता प्रेस, गोरखपुर का चयन करने का फैसला किया। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी द्वारा इस फैसले को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस फैसले को उपहास करार दिया और सावरकर और गोडसे को पुरस्कृत करने जैसा है। 

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